भारत ने पाकिस्तान के साथ सचिव स्तर की द्वीपक्षीय वार्ता 18 अगस्त 2014 को रद्द की. यह फैसला केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के कश्मीरि अलगाववादी हुर्रियत नेताओं को दिल्ली मे बैठक के लिए आमंत्रित करने के बाद किया.
दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय वार्ता इस्लामाबाद में 25 अगस्त 2014 को होने वाली थी. विदेश सचिव स्तर की यह वार्ता बीते 18 महीने में होने वाली पहली बैठक थी.
भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि या तो वह भारत–पाक वार्ता को चुने या अलगाववादियों के साथ बातचीत को. भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह ने फोन पर अपने पाकिस्तानी समकक्ष को बताया कि भारत के अंदरूनी मामलों में पाकिस्तान की दखल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
भारत की प्रतिक्रिया को देखने के बावजूद बासित ने मीरवाइज उमर फारूख, सईद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक के साथ बैठक की.
पृष्ठभूमि
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के आमंत्रण को स्वीकार करने के बाद 18 महीनों के बाद दोनों देशों के बीच उच्च–स्तरीय वार्ता आरंभ करने की योजना तब बनाई गई थी. अपने दौरे के दौरान मोदी और शरीफ ने द्वीपक्षीय वार्ता प्रक्रिया के गतिरोध को दूर करने की बात की.
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