वैश्विक स्तर पर 34 प्रतिशत कंपनियां ऐसी हैं, जिन्हें उचित प्रतिभाएं नहीं मिल रही हैं. इसमें जापान में 80 प्रतिशत तथा भारत में 67 प्रतिशत नियोक्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर उचित प्रतिभाओं की तलाश में कठिनाई आ रही है. नियोक्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर उचित प्रतिभाओं की तलाश में आ रही कठिनाई में जापान पहले, भारत दूसरे और ब्राजील तीसरे स्थान पर है.
स्टाफिंग सेवा कंपनी मैनपावर ने अपनी वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 18 मई 2011 को जारी की. स्टाफिंग सेवा कंपनी मैनपावर की इस तरह का यह छठा सर्वेक्षण रिपोर्ट है. रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर उन देशों की सूची जारी की गई है, जिन देशों के नियोक्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर उचित प्रतिभाओं की तलाश में कठिनाई आ रही है.
ब्राजील में 57 प्रतिशत कंपनियां ऐसी हैं जिनको उचित पद के लिए उचित आदमी की तलाश में मुश्किल आ रही है. इसके बाद सूची में 54 प्रतिशत के साथ ऑस्ट्रेलिया है. सूची में शामिल अन्य देशों में ताइवान (54 प्रतिशत), रोमानिया (53 प्रतिशत), अमेरिका (52 प्रतिशत), अर्जेंटीना (51 प्रतिशत), तुर्की (48 प्रतिशत) और स्विट्जरलैंड (46 प्रतिशत) हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार प्रतिभाओं की कमी का कारण मंदी के दौर में कुछ संगठनों द्वारा प्रतिभाओं को नौकरी छोड़कर जाने देना तथा प्रतिभाओं की मांग का बढ़ना है. सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारत में कंपनियों को सबसे अधिक मुश्किल शोध एवं विकास, बिक्री प्रबंधक तथा आईटी कर्मियों के पदों को भरने में आई.
विदित हो कि वर्ष 2010 में 36 देशों की सूची में भारत 29वें स्थान पर था. वर्ष 2010 देश की 16 प्रतिशत कंपनियों ने माना था कि उन्हें प्रतिभा की तलाश में मुश्किल आ रही है.
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