स्विट्जरलैंड के पायेर्ने एयर फोर्स बेस पर 13 अप्रैल 2014 को उन्नत सौर ऊर्जा संचालित विमान सोलर इंपल्स-2 का अनावरण किया गया. मार्च 2015 से यह सौर विमान विश्व की परिक्रमा करेगा. यह विमान लगातार पांच दिनों तक बिना किसी प्रकार के ईंधन का इस्तेमाल किए विश्व में भ्रमण कर सकता है.
स्विस पायलट आंद्रे बोरशबर्ग और बरट्रैंड पिक्कार्ड ने इस सौर विमान को विकसित किया है. सोलर इंपल्स 2 एक सीच वाले प्रोटोटाइप का बड़ा और बेहतर संस्करण है जिसने पांच साल पहले उड़ान भी भरी थी.
पूरे विमान का भार सिर्फ 2.3 मिट्रिक टन (2.54 टन) है. विमान के भार संबंधित बजट को बनाए रखने के लिए इसे बनाने में लगे पदार्थ पहले के मुकाबले हल्के हैं और इसमें अधिक कुशल बिजली के मोटर लगे हैं. इस उन्नत विमान के डैने बोइंग 747 कमर्शल जेट विमान की तुलना में 72 मीटर लंबा है. इसके डैनों में 17000 सौर बैट्रियां लगी हैं जो विमान के विभिन्न प्रणालियों को ऊर्जा देती है.
विमान 140 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकता है. प्रदर्शन किया गया मूल विमान रात में उड़ान भर सकता है, यूरोप से अफ्रीका की उड़ान पर जा सकता है और अमेरिका की चौड़ाई पार कर सकता है.
विमान में ऑटोपायलट की सुविधा, एक टायलेट, आरामदायक बिजनेस क्लास की सीट और इसके कॉकपिट में इतनी जगह है कि विमान का पायलट नीचे झुक सकता है, थोड़ी बहुत कसरत कर सकता है या कुछ देर के लिए आराम कर सकता है.
विमान का दुनिया की सैर पर निकलने का उद्देश्य अत्याधुनिक अक्षय प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करना है जिसे बनाने में करीब 80 कंपनियां शामिल हैं.
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