7वें पे कमीशन में एक्राय्ड फॉर्मूला क्या है?

May 16, 2019, 12:46 IST

भारत में पहले वेतन आयोग का गठन जनवरी, 1946 में श्रीनिवास वरादाचरियर की अध्यक्षता में स्थापित किया गया था. भारत में अब तक 7 पे कमीशन बनाये जा चुके हैं और इसकी सिफारिसों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया है. इस पे कमीशन द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए एक्राय्ड फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है. यह एक्राय्ड फॉर्मूले क्या है और इसके क्या प्रभाव होंगे? आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं?

Aykroyd Formula Meaning
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भारत में बढ़ती महंगाई और उत्पादन साधनों की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए सरकार वर्ष 1946 से हर 10 वर्ष के अन्तराल पर पे कमीशन या वेतन आयोग का गठन करती आ रही है ताकि सरकारी कर्मचारी अपनी जरूरतों को पूरा करने से सफल हों और उनमें असंतोष ना फैले साथ ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा ना मिले.

ज्ञातव्य है कि भारत में पहले वेतन आयोग का गठन श्रीनिवास वरादाचरियर की अध्यक्षता में जनवरी, 1946 में किया गया था. वर्ष 1946 में गठित पहले वेतन आयोग (Pay Commission) में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का मूल वेतन 30 रूपए और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी का मूल वेतन 60 रूपए निर्धारित किया गया था.

भारत में अब तक 7 पे कमीशन बनाये जा चुके हैं और इसकी सिफारिसों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया है. 7वें पे कमीशन को लागू किये जाने से सरकार को 2016-17 में ही 1 लाख करोड़ से अधिक का वित्तीय बोझ सहन करना पड़ेगा.

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इस 7वें पे कमीशन द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए एक्राय्ड फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है. आइये जानते हैं कि एक्राय्ड फॉर्मूला क्या है?

एक्राय्ड फॉर्मूला (Aykroyd Formula)

सातवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए एक्राय्ड फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है. एक्राय्ड फॉर्मूले के अनुसार सरकारी नौकरियों में न्यूनतम वेतन 18,000 रूपये प्रति माह निर्धारित करने की सिफारिश की गई है जबकि अधिकतम वेतन सबसे ऊंचे पे स्केल के लिए ₹2,25,000 प्रति माह और कैबिनेट सचिव और इसी ग्रेड पर के अन्य अधिकारियों के लिए ₹2,50,000 प्रति माह निर्धारित किया गया है.

एक्राय्ड फॉर्मूले के अनुसार 7वां पे कमीशन अंतिम पे कमीशन होगा इसके बाद कोई आठवां पे कमीशन नहीं बनाया जायेगा. सातवें वेतन आयोग का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति ए के माथुर ने कहा कि सरकार को वैल्यू इंडेक्स के आधार पर उपलब्ध आंकड़ों को देखते हुए हर साल केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा करनी चाहिए.

ए के माथुर ने कहा कि वेतन मैट्रिक्स की दस साल की लंबी अवधि का इंतजार किए बिना समय- समय पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी की समीक्षा करी जा सकती है.  माथुर ने यह भी कहा कि यदि सरकार चाहे तो हर साल कर्मचारियों की सैलरी की समीक्षा के लिए आयक्रोइड फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकती है. इस फॉर्मूले की खास बात यह है कि यह एक आम कर्मचारी से लेकर कैबिनेट सचिव की सैलरी का भी ध्यान रखता है.

नोट: 7वें पे कमीशन ने वार्षिक वेतन वृद्धि (annual increment) की दर को 3% पर बनाए रखा है.

इस प्रकार ऊपर दिए गए लेख से स्पष्ट है कि पे कमीशन सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के लिए 10 साल के इंतजार को ख़त्म करना चाहता है ताकि कर्मचारियों की सैलरी वर्तमान में बढ़ी हुई महंगाई के अनुसार बढ़े जिससे कि अपनी आधारभूत जरूरतों को पूरा कर सकें और देश में व्यवस्थापरक भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा ना मिले.

क्या आप भारत के सभी वेतन आयोगों का इतिहास जानते हैं?

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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