BR Ambedkar Death Anniversary: डॉ.बाबा साहेब अंबेडकर को हम भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जानते हैं, जो कि ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे। अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस या पुण्य तिथि 6 दिसंबर को मनाई जाती है। वह समाज सुधारक होने के साथ न्यायविद, अर्थशास्त्री और राजनीतिक व्यक्ति थे।
अंबेडकर को अपने जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने सभी परेशानियों को पीछे छोड़ विदेश से पढ़ाई की और वापस भारत लौटकर कई सामाज सुधार कार्य किए। साथ ही दुनिया के सबसे बड़े संविधान के जनक भी बने। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री का पद भी संभाला। साथ ही बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म को भी अपना लिया। इस लेख के माध्यम से हम बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी कुछ 11 खास बातों को जानेंगे।
-डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं और आखिरी संतान थे।
-डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का असली उपनाम अम्बावाडेकर था। लेकिन, उनके शिक्षक महादेव अम्बेडकर ने स्कूल रिकॉर्ड में उन्हें अम्बेडकर उपनाम दिया।
-डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री पाने वाले पहले भारतीय थे।
-डॉ. अम्बेडकर एकमात्र भारतीय हैं, जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है। साथ ही अमेरिका में उनकी 19 फीट ऊंची प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
-भारतीय तिरंगे में "अशोक चक्र" को स्थान देने का श्रेय भी डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को ही जाता है। हालांकि, राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन पिंगली वेंकैया ने किया था।
-अंबेडकर ने दलित वर्ग को मंदिर में प्रवेश दिलाने के लिए ब्राह्मणों के खिलाफ भी कैंपेन किया।
-मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबा साहब ने 50 के दशक में इन राज्यों के विभाजन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 2000 के बाद ही मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करके छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया।
-बाबासाहेब की निजी लाइब्रेरी "राजगीर" में 50,000 से अधिक पुस्तकें थीं और यह दुनिया की सबसे बड़ी निजी लाइब्रेरी थी।
-डॉ. बाबासाहेब द्वारा लिखित पुस्तक "वेटिंग फॉर ए वीजा" कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक पाठ्यपुस्तक है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में दुनिया के शीर्ष 100 विद्वानों की एक सूची बनाई और उस सूची में पहला नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर का था।
-डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक विश्व के सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
-लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बाबा साहब ने 8 साल की पढ़ाई सिर्फ 2 साल 3 महीने में पूरी कर ली थी। इसके लिए उन्होंने प्रतिदिन 21 घंटे पढ़ाई की थी।
-अंबेडकर ने 6 दिसंबर, 1956 को नई दिल्ली में आखिर सांस ली थी।
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