महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही है. उसी की एक मिसाल सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भी देखने को मिली. BSF की सब-इंस्पेक्टर सुमन कुमारी सीमा सुरक्षा बल की पहली महिला स्नाइपर बन गई हैं.
सुमन ने हाल ही में इंदौर के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपंस एंड टैक्टिक्स (CSWT) में आठ सप्ताह का स्नाइपर कोर्स पूरा किया और 'प्रशिक्षक ग्रेड' हासिल किया.
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये सीएसडब्ल्यूटी इंदौर लिखा कि "बीएसएफ वास्तव में एक समावेशी बल बन रहा है, जहां महिलाएं हर जगह तेजी से प्रगति कर रही हैं. इस दिशा में एक कदम में, कठोर प्रशिक्षण के बाद, बीएसएफ को पहला महिला स्नाइपर मिला है."
BSF is truly becoming an inclusive Force where #ladies are taking rapid strides everywhere. In a step in this direction, after rigorous training, #BSF has got the First #Mahila Sniper. pic.twitter.com/S80CUo0eKz
— BSF CSWT INDORE (@BSF_CSWT) March 2, 2024
अटल इच्छा शक्ति ने सपना किया साकार:
सुमन एक दृढ़ संकल्प वाली महिला है और एक कुशल स्नाइपर बनने की इच्छा शक्ति ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. पंजाब में एक प्लाटून की कमान संभालने के दौरान सीमा पार से स्नाइपर हमलों के खतरे को देखने के बाद सुमन ने स्नाइपर कोर्स के लिए स्वेच्छा से काम किया. सुमन के दृढ़ संकल्प को देखने के बाद उसके वरिष्ठों ने पाठ्यक्रम में उसकी भागीदारी को मंजूरी दे दी.
भारतीय सेना महिला अधिकारियों को शामिल करने के लिए सक्षम नीतियां अपनाकर उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है.
उनकी उपलब्धि महिलाओं को करेगी प्रेरित:
दिलचस्प बात यह है कि स्नाइपर कोर्स करने वाले 56 पुरुष समकक्षों में से सुमन एकमात्र महिला थीं. उनकी यह उपलब्धि अन्य महिलाओं को भी इसी तरह की सैन्य भूमिकाएँ निभाने के लिए प्रेरित करेंगी. उनके प्रशिक्षकों में से एक ने बताया कि स्नाइपर कोर्स के दौरान उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जहां अत्यधिक शारीरिक और मानसिक शक्ति की आवश्यकता होती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में, सीएसडब्ल्यूटी आईजी भास्कर सिंह रावत ने बताया कि कमांडो प्रशिक्षण के बाद स्नाइपर कोर्स सबसे कठिन ट्रेनिंग में से एक है. साथ ही रावत ने सुमन की उपलब्धि की सराहना की और कहा कि और वह अब स्नाइपर प्रशिक्षक के रूप में तैनात होने के योग्य है.
कौन है सुमन कुमारी?
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की रहने वाली सुमन एक साधारण परिवार की बेटी है. उनके पिता एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करते हैं और उनकी माँ एक गृहिणी हैं. वह साल 2021 में बीएसएफ में शामिल हुईं. वह निहत्थे युद्ध (Unarmed combat) में भी कुशल है.
रक्षा क्षेत्र में भारतीय महिलाएं:
पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किये गए एक डेटा के अनुसार, तीनों सेनाओं में कुल 11,414 महिला कर्मी सेवारत हैं, जिनमें से भारतीय सेना में सबसे अधिक 7,054 हैं. महिलाएं अधिकारी, चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग जैसी सेवाओं में लगी हुई है.
पांच महिलाएं जिन्होंने देश को किया गौरवान्वित:
1. शालिज़ा धामी: साल 2023 में, ग्रुप कैप्टन शालिज़ा धामी ने फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई की कमान संभालने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बनकर इतिहास रचा था. उन्हें पश्चिमी क्षेत्र में मिसाइल स्क्वाड्रन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था.
2. अवनि चतुर्वेदी: अवनि चतुर्वेदी को देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव हासिल है. वह पिछले साल जनवरी में हवाई युद्ध की ट्रेनिंग में भाग लेने वाली सफल पहली महिला बनी थी.
3. प्रेरणा देओस्थली: कमांडर प्रेरणा देओस्थली भारतीय नौसेना के युद्धपोत, विशेष रूप से भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े की कमान संभालने वाली भारतीय नौसेना में पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रचा था.
4. दीपिका मिश्रा: विंग कमांडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायु सेना में वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.
5. शिवा चौहान: फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान सियाचिन ग्लेशियर के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र 'कुमार पोस्ट' पर सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं थी.
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