जानें ऐसे भारतीय ई-पासपोर्ट के बारे में जिसमें चिप लगी होगी

Jul 25, 2019, 17:47 IST

भारत सरकार ई-पासपोर्ट लॉन्च करने की योजना बना रही है जिसमें एक चिप लगी होगी. ऐसा पासपोर्ट धारक के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है. लोगों को यह ई-पासपोर्ट दिसंबर 2019 तक मिलने कि संभावना है. पहले इसे ट्रायल बेसिस पर जारी किया जाएगा, बाद में कमर्शियल रूप में लोगों को मिलेगा. ई-पासपोर्ट कैसे काम करेगा, ई-पासपोर्ट की विशेषताएं क्या हैं? आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

What is e passport?
What is e passport?

भविष्य में ई-पासपोर्ट में उन्नत सुरक्षा सुविधाओं के लिए एक चिप होगी ताकि कोई भी पासपोर्ट का दुरुपयोग न कर सके. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के अनुसार चिप में आवेदक के व्यक्तिगत विवरण को संग्रहीत किया जाएगा जो कि भौतिक पासपोर्ट बुकलेट में लगी होगी.

ई-पासपोर्ट जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि कोई चिप के साथ छेड़छाड़ करता है, तो सिस्टम पहचान करने में सक्षम होगा और परिणामस्वरूप पासपोर्ट का प्रमाणीकरण विफल हो जाएगा. दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि अब नकली प्रतियों का उत्पादन करना मुश्किल होगा.

पासपोर्ट क्या है?

यह एक आधिकारिक दस्तावेज है जो सरकार द्वारा जारी किया जाता है. यह धारक की पहचान और नागरिकता को प्रमाणित करता है और उन्हें इसके संरक्षण के तहत और विदेशों में यात्रा करने का अधिकार प्रदान करता है. या हम कह सकते हैं कि पासपोर्ट सरकार द्वारा अपने नागरिक को जारी किया जाने वाला एक यात्रा दस्तावेज है जो अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के उद्देश्य के लिए धारक की पहचान और राष्ट्रीयता की पुष्टि करता है. पासपोर्ट की एक छोटी बुकलेट में वाहक का नाम, जन्म स्थान, जन्म तिथि, जारी करने की तिथि, एक्सपायरी की तारीख, पासपोर्ट संख्या, फोटो और हस्ताक्षर शामिल होते हैं.

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ई-पासपोर्ट क्या है?

ई-पासपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट के रूप में भी जाना जाता है जो कवर में इलेक्ट्रॉनिक चिप से युक्त एक नियमित पासपोर्ट पुस्तिका के अलावा कुछ नहीं है. यह पासपोर्ट की धोखाधड़ी के खिलाफ एक अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है.

ई-पासपोर्ट या चिप सक्षम पासपोर्ट की विशेषताएं

- ई-पासपोर्ट आईआईटी-कानपुर, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) और भारत प्रेस (ISP) और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा विकसित किया जाएगा.

- फॉरेन मिनिस्ट्री ने इंटरनेशनल सिविल एविएशन ओर्गनाइजेशन से सहमति मिलने के बाद ई-पासपोर्ट जारी करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

- ई-पासपोर्ट की मैन्‍युफैक्‍चरिंग नासिक के इंडियन सिक्‍योरिटी प्रेस (आईएसपी) में होगी. इसके लिए आईएसपी को इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ) द्वारा पासपोर्ट बनाने में यूज होने वाले ऑपरेटिंग सिस्‍टम को लेने का टेंडर डालने की अनुमति दी गई है. टेंडर प्रकिया पूरी होते ही पासपोर्ट बनना शुरू हो जाएगा.

- टेंडर तीन चरणों में होगा. यह ई-पासपोर्ट के निर्माण के लिए आवश्यक है.

- ई-पासपोर्ट में पीछे और फ्रंट के कवर मोटे होंगे.

- पासपोर्ट के पीछे के कवर पर डाक टिकट की तुलना में छोटी सिलिकॉन चिप लगाई जाएगी.

- चिप में होगी धारक की बायोमैट्रिक पहचान होगी. पासपोर्ट में जो चिप लगी होगी उसमें अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर के अलावा पासपोर्ट धारक का नाम, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ और एक डिजिटल फोटो होगी. वहीं पासपोर्ट में मौजूद चिप में धारक की उंगलियों के निशान भी शामिल होंगे. 

- इमिग्रेशन काउंटरों पर, ई-पासपोर्ट समय बचाने में मदद करेगा क्योंकि सब कुछ डिजिटल हो जाएगा और सूचना पढ़ने में कुछ ही सेकंड लगेंगे.

- 30 अंतरराष्ट्रीय यात्राओं तक का डेटा चिप में संग्रहीत रहेगा.

- चिप में 64 किलोबाइट का मेमोरी स्पेस होगा.

- एक और बात कि चिप को इस तरह से भी डिजाइन किया गया है कि पासपोर्ट पर मौजूद डेटा को रिमोट या किसी भी प्रकार से मिटाया नहीं जा सकेगा.

इन सुविधाओं के साथ ई-पासपोर्ट थोड़ा भारी और मोटा होगा. लेकिन यह किसी भी तरह से चिप के साथ छेड़छाड़ के रूप में अधिक सुरक्षित होगा, जिसके परिणामस्वरूप पासपोर्ट का प्रमाणीकरण विफल हो जाएगा.

- आपको बता दें कि 2018 में, विदेश मंत्रालय ने 1.12 करोड़ से अधिक पासपोर्ट जारी किए हैं और 2017 में भारत में पासपोर्ट सेवा परियोजना के माध्यम से 1.08 करोड़ से अधिक पासपोर्ट जारी किए गए थे.

क्या आप जानते हैं कि ई-पासपोर्ट जारी करने के साथ, भारत अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ सहित लगभग 120 अन्य देशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने पहले से ही ई-पासपोर्ट को अपनाया हुआ है.

पासपोर्ट कैसे जारी किया जाता है?

- पासपोर्ट सेवा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से, एक व्यक्ति खुद को पंजीकृत करेगा.

- सफल पंजीकरण के बाद, एक उपयोगकर्ता आईडी बनाई जाती है जिससे पासपोर्ट सेवा ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन करना आवश्यक है.

- लॉग इन के बाद, पासपोर्ट आवेदन फॉर्म में, व्यक्तिगत विवरण भरना आवश्यक है.

- प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इसे सबमिट करें और आवश्यक भुगतान करें.

- उसके बाद, पासपोर्ट कार्यालय में एक नियुक्ति निर्धारित की जाती है.

- साथ ही, पासपोर्ट की समय पर डिलीवरी में पुलिस की अहम भूमिका होती है. 2018 में सरकार के अनुसार, पुलिस सत्यापन के लिए औसत समय 19 दिन तक का लगा था. इस अवधि को और कम करने के लिए सरकार काम कर रही है.

तो, अब आप जान गए होंगे कि ई-पासपोर्ट में चिप एम्बेडेड होगा. चिप सिलिकॉन से बना होगा और पासपोर्ट के पीछे के कवर पर लगाया जाएगा. इसमें कोई शक नहीं कि यह सुरक्षा सुविधाओं में सुधार करेगा. आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा और चिप में संग्रहीत किया जाएगा जो भौतिक पासपोर्ट पुस्तिका में एम्बेडेड होगा. इससे कोई भी पासपोर्ट का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. यह सरकार द्वारा लिया जाने वाला अच्छा कदम है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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