भारत के किस शहर को कहा जाता है ‘City of Rallies’, जानें

भारत में हर शहर का अपना महत्व है। शहरों का समृद्ध इतिहास और यहां की विशेष वस्तुएं को शहर को खास बनाने का काम करती हैं। वहीं, इनके अलावा शहर जिससे खास बनता है, वे हैं शहर की गतिविधियां, जो कि शहर को और भी खास बनाने का काम करती हैं। कई शहर अपने यहां होने वाली कुछ गतिविधियों की वजह से देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं। इन्हीं कुछ गतिविधियों में शामिल हैं, शहर में होने वाले धरने-प्रदर्शन और रैलियां, जिन वजह से शहरों को जाना जाता है। क्या आपको पता है कि भारत के एक शहर को वहां होने वाले धरना-प्रदर्शन की वजह से भी जाना जाता है, जिस वजह से शहर को City of Rallies भी कहा जाता है। इश लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Kishan Kumar
Aug 16, 2023, 12:28 IST
रैलियों का शहर
रैलियों का शहर

क्यों दिया जाता है शहरों को नाम 

भारत में अलग-अलग शहरों को उनके मूल नाम के अलावा अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इससे लोग शहरों के प्रति आकर्षित होते हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और अंततः शहरों के राजस्व में भी बढ़ावा होता है। वहीं, शहरों के उपनाम की वजह से शहरों को देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाने में भी मदद मिलती है।  

 

किस शहर को कहा जाता है रैलियों का शहर

भारत में कई शहर ऐसे हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। वहीं, इनमें से एक शहर ऐसा भी है, जिसे रैलियों का शहर भी कहा जाता है। आपको बता दें कि नई दिल्ली शहर को रैलियों का शहर भी कहा जाता है। 

 

क्यों कहा जाता है रैलियों का शहर

यह बात हम सभी को पता है कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी चौखट यानि संसद भवन दिल्ली में ही स्थित है। यही वह जगह है, जहां देश को लेकर बड़े-बड़े फैसले लिए जाते हैं, जिसके बाद इन फैसलों को देश के अलग-अलग राज्यों में अमलीजामा पहनाया जाता है। 

 

इस बीच कई राजनीतिक पार्टियां व संगठन ऐसे भी होते हैं, जो कि सरकार के नए फैसलों से खुश नहीं होते हैं। ऐसे में वे इन फैसलों के खिलाफ दिल्ली पहुंचकर प्रदर्शन करते हैं। 

 

इस दौरान धरना-प्रदर्शन और रैलियां निकाली जाती हैं। इसके लिए प्रशासन की ओर से जंतर-मंतर का स्थान दिया गया है, जहां पर कोई भी व्यक्ति, राजानीतिक पार्टी या संगठन धरना-प्रदर्शन कर सकता है। 

 

हालांकि, यह करने से पहले उसे संबंधित थाने में जानकारी देनी होती है। साथ ही अपना विषय भी बताना होता है, जिससे पुलिस को पता रहता है कि कब और किस दिन कौन-सी रैली और प्रदर्शन है। इसके लिए बकायदा एक बीट कांस्टेबल को भी तैनात किया जाता है, जिसके पास यह लेखा-जोखा होता है। 

 

अर्द्धसैनिक बल की टुकड़ियां रहती हैं रिजर्व

दिल्ली में बड़ी संख्या में होने वाले धरना-प्रदर्शन और रैली को देखते हुए पुलिस बल अपने पास Rapid Action Force की कुछ टुकड़ियों को संसद मार्ग थाने में आरक्षित रखता है, जिससे समय पर इन टुकड़ियों का इस्तेमाल किया जा सके। बड़े धरना-प्रदर्शन और रैलियों में इन टुकड़ियों के जवानों को तैनात किया जाता है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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