भारत में इस समय डीजल और पेट्रोल की कीमतों को लेकर बहस छिड़ी हुई है कि यहाँ पर डीजल और पेट्रोल अन्य देशों की तुलना में इतना महंगा क्यों है. क्या इसकी एक मात्र वजह कच्चे तेल के दामों में वृद्धि है या कुछ और कारण भी इस वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं. आइये इस लेख में इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने का प्रयास करते हैं.
जैसा कि हम सभी को पता है कि भारत अपनी जरुरत का केवल 17% तेल ही पैदा कर पाता है और बकाया का तेल विदेशों से आयात करना पड़ता है. सऊदी अरब परंपरागत रूप से भारत का शीर्ष तेल स्रोत रहा है, लेकिन अप्रैल-जनवरी 2017-18 की अवधि में, इराक ने इसे इस जगह से हटा दिया है. इस वित् वर्ष में भारत ने अपनी कुल कच्चे तेल जरुरत का 20% हिस्सा (38.9 मिलियन टन) इराक से खरीदा है जबकि इसी अवधि के 10 महीनों में सऊदी अरब ने भारत को 30.9 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया है.
ज्ञातव्य है कि अप्रैल-जनवरी 2017-18 की अवधि में भारत ने कुल 184.4 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया था जो कि 2016-17 के पूरे वित्त वर्ष में 213.9 मिलियन टन था.
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आइये गणना करते हैं कि डीजल और पेट्रोल के दाम कैसे तय होते हैं;
मान लीजिये कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 71 डॉलर प्रति बैरल है अगर इसमें 1.5 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से समुद्री भाड़ा जोड़ दिया जाये तो यह 72.5 डॉलर प्रति बैरल हो जाता है; यही इसकी आयात की लागत होगी. यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि कच्चे तेल के मूल्यों का आकलन डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से किया जाता है और एक बैरल में 159 लीटर तेल आता है.
यदि प्रतीकात्मक रूप में यह भी मान लिया जाये कि अभी रुपये की डॉलर के साथ विनिमय दर 68 रुपये है तो इसके हिसाब से 159 लीटर कच्चे तेल की कीमत 4930 रुपये होगी और एक लीटर कच्चे तेल की कीमत होगी 31 रुपये.
नोट: चूंकि पेट्रोल और डीजल के साथ साथ डॉलर और रुपये के बीच की विनिमय दर भी बदलती रहती है इसलिए हमने इस लेख में कच्चे तेल की कीमत 71 डॉलर प्रति बैरल और डॉलर रुपये की विनिमय दर को 1$=68 रुपये मान लिया है. इन्ही दो मान्यताओं में आधार पर आगे टैक्स की गणना की जाएगी.
आइये अब एक चार्ट में माध्यम से समझते हैं कि इस रेट पर डीजल और पेट्रोल की कीमतें किस प्रकार निर्धारित होंगीं. लेख में गणना की सरलता के लिए सिर्फ दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कीमत के बारे में बताया गया है.
बिना टैक्स के कीमत | पेट्रोल की कीमतें | डीजल की कीमतें |
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत (समुद्री भाड़े के साथ) | 72.5 डॉलर प्रति बैरल या 4930 रुपये प्रति बैरल | 72.5 डॉलर प्रति बैरल या 4930 रुपये प्रति बैरल |
1 बैरल में तेल आता है | 159 लीटर | 159 लीटर |
कच्चे तेल की प्रति लीटर कीमत | 31 रुपये प्रति लीटर | 31 रुपये प्रति लीटर |
अन्य लागतें लगने के बाद कीमत |
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प्रवेश कर, रिफाइनरी प्रसंस्करण लागत, लैंडिंग लागत और मार्जिन के साथ अन्य परिचालन लागत | 2.62 रुपये प्रति लीटर | 5.91 रुपये प्रति लीटर |
तेल कंपनियों का मार्जिन, परिवहन लागत, भाड़ा लागत | 3.31 रुपये प्रति लीटर | 2.87 रुपये प्रति लीटर |
परिष्करण लागत के बाद ईंधन की मूल लागत | 36.93 रुपये प्रति लीटर | 39.78 रुपये प्रति लीटर |
केंद्र सरकार द्वारा चार्ज किए गए एक्साइज ड्यूटी+ रोड सेस | 19.48 रुपये प्रति लीटर | 15.33 रुपये प्रति लीटर |
वैट लगने से पहले डीलर से लिया गया मूल्य | 56.41 रुपये प्रति लीटर | 55.11 रुपये प्रति लीटर |
डीलर खुदरा मूल्य की गणना - स्थान दिल्ली |
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पेट्रोल पंप डीलरों का कमीशन | 3.62 रुपये प्रति लीटर | 2.52 रुपये प्रति लीटर |
वैट लगने से पहले ईंधन का मूल्य | 60.03 रुपये प्रति लीटर | 57.63 रुपये प्रति लीटर |
वैट (जो कि हर राज्य में अलग अलग लगता है)+25 पैसे प्रदूषण सेस + अधिभार | 16.21 रुपये प्रति लीटर | 9.91 रुपये प्रति लीटर |
पेट्रोल पम्प पर फाइनल खुदरा मूल्य | 76.24 रुपये प्रति लीटर | 67.54 रुपये प्रति लीटर |
तो इस प्रकार आपने पढ़ा कि कच्चे तेल की प्रति लीटर कीमत केवल 31 रुपये प्रति लीटर थी और जब तेल फाइनली लोगों ने अपनी गाड़ियों में भरवाया तो उसकी कीमत दुगुने से भी ज्यादा हो गयी है. इसमें सबसे जयादा योगदान केंद्र और राज्य सरकरों द्वारा लगाये जाने वाले विभिन्न टैक्स हैं जो कि दिल्ली में पेट्रोल पर 19.48 रुपये प्रति लीटर उत्पादन कर और रोड टैक्स के रूप में लगाया गया है जबकि 16.21 रु. प्रति लीटर राज्य सरकार ने वैट के रूप में वसूला है.
इस प्रकार यदि उपभोक्ता एक लीटर पेट्रोल खरीदने के लिए 76.24 रुपये देता है तो 35.69 रुपये प्रति लीटर टैक्स के रूप में चुकाता है जो कि कच्चे तेल की 1 लीटर की कीमत 31 रुपये से भी ज्यादा है.
यदि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने करों में 50% कमी कर दें तो हर राज्य में पेट्रोल और डीजल के दाम 20 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते हैं.
यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि डीजल और पेट्रोल पर वैट की दरें हर राज्य में अलग अलग है इसलिए हर राज्य में डीजल और पेट्रोल की प्रति लीटर कीमत में भी अंतर है.
यहाँ पर एक नए तथ्य की ओर भी लोगों का ध्यान दिलाना जरूरी है क्योंकि दिसम्बर 2017 से देश में बेचे जाने वाले पेट्रोल में 10% इथेनॉल भी मिलाया जा रहा है जो कि एक प्राकृतिक तेल है और इसके बनाने की एक लीटर की कीमत लगभग 41 रूपये आती है लेकिन इसे पेट्रोल के साथ मिलाकर 76 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जा रहा है. यदि आप कार में 20 लीटर पेट्रोल भरवाते हो तो इसमें केवल 18 लीटर पेट्रोल ही भरा जाता है और 2 लीटर इथेनॉल भरा जाता है, जबकि आपसे पूरे 20 लीटर पेट्रोल की कीमत वसूली जाती है.
नोट: डीजल और पेट्रोल के दामों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें और रुपये की विनिमय दर में उतार चढ़ाव का अंतर भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सामान्य जन की सुविधा के लिए इन दोनों को इस लेख में स्थिर माना गया है.
उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि देश में डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि क्यों होती है.
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