उत्तर प्रदेश के इन उत्पादों को मिला है GI Tag, जानें

उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। इसके साथ ही यहां पर कुल 75 जिले हैं। चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री की ओर से अलग-अलग राज्यों की पहचान कर उन्हें Geographical Indication(GI) Tag दिया गया है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के किन उत्पादों को जीआई टैग मिला है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश के जीआई टैग के बारे में जानेंगे। 

Oct 4, 2023, 16:20 IST
उत्तर प्रदेश के जीआई टैग उत्पाद
उत्तर प्रदेश के जीआई टैग उत्पाद

चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री की ओर से अलग-अलग राज्यों को उनके यहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान देने के लिए Geographical Indication(GI) Tag दिया जाता है। इससे स्थानीय स्तर के उत्पादों को  वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद मिलती है।

ऐसे में हर राज्य में अलग-अलग उत्पादों की पहचान कर उन्हें जीआई टैग दिया गया है। इस कड़ी में हम भारत के सबसे अधिक आबाादी वाले राज्य यानि कि उत्तर प्रदेश के उत्पादों के बारे में जानेंगे, जिन्हें जीआई टैग मिल गया है। 

 

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2023 में सात उत्पादों को मिला है जीआई टैग

 

साल 2023 में उत्तर प्रदेश में सात उत्पादों को जीआई टैग मिला है। इसमें ढोलक से लेकर गौरा पत्थर तक शामिल है, जिसमें कला का मिश्रण कर उत्पादों को अद्भुत रूप तैयार किया जाता है। 

 

अमरोहा की ढोलक

उत्तर प्रदेश का अमरोहा जिला वाद्ययंत्रों के लिए जाना जाता है। ऐसे में यहां की ढोलक को जीआई टैग मिला है। ढोलक का निर्माण आम, कटहल और सागौन की लकड़ी से किया जाता है। इसके साथ ही इसे मढ़ने के लिए पशुओं की खाल का उपयोग किया जाता है। 

 

बाराबंकी का हथकरघा

बाराबंकी अपने हथकरघा उत्पादों के लिए जाना जाता है। यहां 50 हजार से भी अधिक बुनकर हैं, जो कि हथकरघा के काम में लगे हुए हैं। वहीं, यहां के उत्पादों को जीआई टैग में शामिल किया गया है। 

 

साज-सज्जा के लिए बागपत को जीआई टैग

उत्तर प्रदेश का बागपत जिला विशेषरूप से घरों के साज-सज्जा सामान के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि होली-दिवाली के लिए यहां कई उत्पादों को तैयार किया जाता है। 

 

महोबा की हस्तशिल्प

महोबा अपने गौरा पत्थर हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। यहां पर प्रमुख रूप से एक सफेद और चमकदार पत्थर पाया जाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। 

 

मैनपुरी की तारकशी

मैनपुरी की तारकशी प्रसिद्ध है। दरअसल, इक कला में  लकड़ी पर पीतल की तार से आकृति तैयार की जाती है, जिसकी खूबसूरती की वजह से बाजारों में मांग रहती है। 

 

संभल की सींग कला

संभल जिले में मृत पशुओं के सींग से कई प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इन्हें बनाने में किसी भी प्रकार की मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि आकृतियां पूरी तरह से हस्तनिर्मित होती हैं। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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