उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। साथ ही, यह भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है। राज्य के प्रमुख शहरों की बात करें, तो इसमें गाजियाबाद का भी नाम आता है।
गाजियाबाद शहर को हम उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार के रूप में भी जानते हैं। प्रदेश का यह शहर हिंडन नदी के किनारे बसा हुआ है, जो कि अपनी विविधता, संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है।
इसके साथ ही यह एनसीआर के प्रमुख शहरों में शामिल है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि गाजियाबाद का क्या इतिहास रहा है और यह किसने बसाया था ? यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
2500 ई.पू का बताया जाता है इतिहास
गाजियाबद में कई शोध कार्य व अनुसंधान के दौरान पता चला है कि यह शहर 2500 ई.पू का है। शहर की पूर्वी सीमा पर कोट नामक एक गांव है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे राजा समुद्रगुप्त का सहयोग था। इस बीच गाजियाबाद के लोनी शहर में ही राजा समुद्रगुप्त और कोट कुलजम के बीच युद्ध हुआ। इसमें राजा समुद्रगुप्त की विजय हुई और उन्होंने यहां अश्वमेध यज्ञ किया, जिससे शहर की स्थापना हुई।
किसने बसाया था गाजियाबाद शहर
गाजियाबाद को लेकर इतिहास में दर्ज है कि इसकी स्थापना मुगल बादशाह अहमदशाह के शासनकाल में 1740 में हुई थी। उनके वजीर गाजीउद्दीन द्वारा इस शहर की स्थापना की गई थी, जिसके नाम पर ही बाद में इस शहर का नाम गाजियाबाद कर दिया गया।
चार दरवाजों के बीच बसाया गया शहर
उस समय गाजियाबाद शहर को चार प्रमुख दरवाजों को बीच बसाया गया था। ये चार गेट आज भी यहां मौजूद हैं, जो कि दिल्ली गेट, जवाहर गेट, डासना गेट और सिहरी गेट हैं। वहीं, शहर के बीच में आज भी गाजीउद्दीन की हवेली को देखा जा सकता है। शहर का जलालाबाद क्षेत्र मराठाओं की सेना में जनरल महादजिन की बेटी बालाबाई की जागीर था।
पहले मेरठ का हिस्सा हुआ करता था शहर
गाजियाबाद शहर पहले मेरठ का हिस्सा हुआ करता था। हालांकि, 14 नवंबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी द्वारा इसे अलग जिला घोषित किया गया।
औद्योगिक नगरी के रूप में मशहूर
गाजियाबाद शहर औद्योगिक नगरी के रूप में मशहूर है। यहां इंजीनियरिंग की मशीनों के पुर्जे व अन्य उत्पादों को तैयार किया जाता है। इस वजह से हम इसे इंजीनियरिंग सिटी के रूप में भी जानते हैं।
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