भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें उत्तर प्रदेश राज्य का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। यह राज्य अपनी अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है, जो कि इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती हैं।
इतिहास उठाकर देखें, तो इसका इतिहास कोसल और पांचाल साम्राज्य से जुड़ा हुआ है। समय के साथ-साथ यहां अलग-अलग सुल्तानो, नवाबों और ब्रिटिश का शासन रहा। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि 2025 में उत्तर प्रदेश कितने वर्ष को हो गया।
क्या रहा है उत्तर प्रदेश का इतिहास
उत्तर प्रदेश आज जिस जगह पर है, वहां कभी कोसल और पांचाल साम्राज्य हुआ करता था। बाद में यहां शर्की पहुंचे और उन्होंने यहां जौनपुर बसाया। शर्कियों के बाद यहां मुगलों का राज हुआ, तो उन्होंने यहां अवध सूबा बसाया और इसकी कमान नवाबों के हाथ में दे दी।
कुछ समय बाद यहां ब्रिटिश पहुंचे, तो उन्होंने 1836 में उत्तर-पश्चिम प्रांत का गठन किया। हालांकि, 1877 में इसे आगरा एवं अवध प्रांत के साथ जोड़ दिया गया, जिसके बाद यह उत्तर-पश्चिम आगरा एवं अवध प्रांत बना। साल 1902 में इसमें से उत्तर-पश्चिम को अलग कर इसे संयुक्त प्रांत आगरा एवं अवध नाम दिया गया। वहीं, 1937 से यह सिर्फ संयुक्त प्रांत रह गया।
कब मिला उत्तर प्रदेश नाम
ब्रिटिशों ने प्रदेश को संयुक्त प्रांत नाम दिया, जिसके बाद कई वर्षों तक यही नाम चलता रहा। देश आजाद हुआ और 24 जनवरी, 1950 को राज्य का नाम उत्तर प्रदेश कर दिया गया। ऐसे में साल 2025 में उत्तर प्रदेश पूरे 75 वर्ष का हो गया है।
चार बार बदली राज्य की राजधानी
उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी चार बार बदली है। साल 1836 में राज्य की राजधानी आगरा हुआ करती थी। हालांकि, 1858 में इसकी राजधानी प्रयागराज हो गई थी। कुछ समय राज्य की राजधानी यही रही, लेकिन 1921 में आंशिक रूप से लखनऊ को राज्य की राजधानी बनाया गया। वहीं, अंत में साल 1935 से लखनऊ को पूर्णतः राज्य की राजधानी घोषित किया गया।
साल 2000 में हुआ राज्य का विभाजन
पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का ही भाग हुआ करता था। हालांकि, लंबे समय तक राज्य को अलग करने की मांग को लेकर 9 नवंबर, 2000 को 13 जिलों के साथ उत्तर प्रदेश में से उत्तराखंड को अलग कर दिया गया। पहले इसे उत्तरांचल नाम से जाना जाता था, लेकिन 2006 में इसका नाम बदला और यह उत्तराखंड हो गया।
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