बेंगलुरु भारत की सिलिकॉन वैली या आईटी राजधानी कैसे बना?

बेंगलुरु को भारत की आईटी राजधानी या सिलिकॉन वैली के रूप में जाना जाता है. यह भारत की सिलिकॉन वैली या आईटी राजधानी कैसे बना, कब बना और किसने बनाया. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Dec 8, 2020, 12:24 IST
Bengaluru IT capital and Silicon Valley
Bengaluru IT capital and Silicon Valley

बैंगलोर, जिसे आधिकारिक तौर पर बेंगलुरु के रूप में जाना जाता है, भारतीय राज्य कर्नाटक की राजधानी है. यह दक्षिण भारत में दक्कन पठार (Deccan Plateau) पर स्थित है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 900 मीटर (3,000 फीट) से अधिक है, जो भारत के प्रमुख शहरों में से एक है.  बेंगलुरु  पूरे साल अपनी सुखद जलवायु के लिए भी जाना जाता है. 

आइये अब जानते हैं कि बेंगलुरु भारत की आईटी राजधानी या सिलिकॉन वैली कैसे बना?

बेंगलुरु आईटी कैपिटल से पहले देश की इलेक्ट्रॉनिक कैपिटल और उससे पहले देश का साइंस हब बना. ऐसा कहा जाता है कि लगभग 1898 में, जमशेदजी टाटा ने देश में प्रगतिशील शिक्षा की नींव रखी. देश में विभिन्न प्राधिकरणों से परामर्श करने के बाद, उन्होंने एक विज्ञान संस्थान की स्थापना के लिए आवश्यक योजना तैयार करने के लिए एक अनंतिम समिति (Provisional Committee) का गठन किया, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान का नाम दिया गया. 

तत्कालीन वायसराय, लॉर्ड कर्जन के साथ कई चर्चाओं के बाद और रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन, नोबेल विजेता, सर विलियम रैमसे (Sir William Ramsey) को सहयोग देने के लिए कहा गया. देश का त्वरित दौरा करने के बाद, उन्होंने बैंगलोर (अब बेंगलुरु) का फैसला किया. इसके पीछे मुख्य कारण था यहाँ की जलवायु. उन्होंने जलवायु को सबसे उपयुक्त पाया.

बैंगलोर (अब बेंगलुरु) जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना शुरू हुआ. 1970 के दशक की शुरुआत में, कर्नाटक राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.के. बलीगा (R.K Baliga) ने एक इलेक्ट्रॉनिक शहर विकसित करने की अवधारणा का प्रस्ताव रखा था. ऐसा कहा जाता है कि  इलेक्ट्रॉनिक सिटी आर.के. बलीगा के दिमाग की उपज है. वह भारत की सिलिकॉन वैली बैंगलोर को बनाना चाहते थे.

समय के साथ इस शहर ने अंतर्राष्ट्रीय आधारित प्रौद्योगिकीयों के विकास को देखा, जिसके परिणामस्वरूप 'डॉटकॉम बूम' हुआ. इस समय में स्थानीय और विदेशी आईटी कंपनियों की स्थापना के साथ बैंगलोर (अब बेंगलुरु) का आईटी उद्योग बढ़ गया. भारतीय तकनीकी संगठन जैसे कि इसरो, इन्फोसिस, विप्रो और एचएएल सभी का मुख्यालय इस शहर में है.

नई दिल्ली भारत की राजधानी कैसे बनी?

20वीं शताब्दी के लास्ट से यह शहर उच्च-प्रौद्योगिकी उद्योग (विशेष रूप से ICT) का केंद्र बन गया, और कई बड़े बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी निगमों ने यहाँ कार्यालय खोले. इसके अलावा, इन्फोसिस और विप्रो जैसी प्रमुख डोमेस्टिक कंपनियों ने शहर में मुख्यालय स्थापित किया.

1998 में सेंट्रल बेंगलुरु से लगभग 10 मील (16 किमी) पूर्व में वाइटफील्ड के उपनगर में एक ICT पार्क खोला गया. सैकड़ों प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर और दूरसंचार कंपनियों के साथ एक आत्म-निहित शहर के रूप में, पार्क भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में जाना जाता है. यह 2007 में ग्रेटर बेंगलुरु का एक जिला बन गया. 

देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) निर्यातक के रूप में अपनी भूमिका के कारण बेंगलुरु "भारत की सिलिकॉन वैली" या "भारत की आईटी राजधानी" के रूप में जाना जाता है. इस शहर में भारतीय तकनीकी संगठन इसरो, इंफोसिस, विप्रो और एचएएल का मुख्यालय है.

बेंगलुरु, भौगोलिक रूप से विविध शहर, भारत में दूसरा सबसे तेजी से विकसित होने वाला प्रमुख महानगर है. यह भारत में कई शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों का घर है, जैसे कि भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), भारतीय प्रबंधन संस्थान (बैंगलोर) (IIMB), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, बैंगलोर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन, बैंगलोर (NID R & D कैम्पस), नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस (NIMHANS). कई राज्य के स्वामित्व वाले एयरोस्पेस और रक्षा संगठन, जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज शहर में स्थित हैं. इस शहर में कन्नड़ फिल्म उद्योग भी है.

आइये अब बेंगलुरु के इतिहास के बारे में जानते हैं 

दक्षिण भारतीय राजवंशों, पश्चिमी गंगा, चोलों और होयसलों के उत्तराधिकार ने, बैंगलोर के वर्तमान क्षेत्र पर 1537 ईस्वी तक शासन किया. केम्पे गौड़ा (Kempe Gowda) विजयनगर साम्राज्य के तहत एक सामंती शासक ने आधुनिक बैंगलोर की नींव माना जाने वाला मिट्टी का किला स्थापित किया.

1638 में, मराठों ने लगभग 50 वर्षों तक बैंगलोर पर विजय प्राप्त की और शासन किया, जिसके बाद मुगलों ने कब्जा कर लिया और शहर को वाडियार राजवंश (Wadiyar dynasty) के मैसूर साम्राज्य को बेच दिया. इसे ब्रिटिशों द्वारा चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध (1799) में जीत के बाद कब्जा कर लिया गया था, जिन्होंने मैसूर के महाराजा को शहर का प्रशासनिक नियंत्रण सौपा था. पुराना शहर मैसूर के महाराजाओं के प्रभुत्व में विकसित हुआ और इसे मैसूर की रियासत की राजधानी बनाया गया, जो ब्रिटिश राज की प्रमुख संप्रभु इकाई के रूप में मौजूद थी.

1809 में, पुराने शहर के बाहर, अंग्रेजों ने अपनी छावनी को बैंगलोर में स्थानांतरित कर दिया, और इस प्रकार यह शहर बड़ा हुआ, जो कि ब्रिटिश भारत के हिस्से के रूप में संचालित था. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, बैंगलोर मैसूर राज्य की राजधानी बन गई, और 1956 में कर्नाटक के नए भारतीय राज्य के गठन के समय राजधानी बनी रही. बैंगलोर की दो शहरी बस्तियों - शहर और छावनी जो 1949 में एक एकल शहरी केंद्र में विलय के रूप में स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में विकसित हुई थीं. मौजूदा कन्नड़ नाम, बेंगलुरु, को 2006 में शहर का आधिकारिक नाम घोषित किया गया था.

तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि सूचना प्रौद्योगिकी में उछाल ने बेंगलुरु को भारत के नए औद्योगिक केंद्र में बदल दिया. आईटी हब के रूप में बेंगलुरु जाना जाता है. यानी देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) निर्यातक के रूप में अपनी भूमिका के कारण बेंगलुरु को "भारत की सिलिकॉन वैली" या "भारत की आईटी राजधानी" के रूप में जाना जाता है. 

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News