अल्जाइमर रोग के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्य

Sep 21, 2018, 10:55 IST

अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के बीच कनेक्शन सही से नहीं हो पता है. यह एक प्रगतिशील बिमारी है जिसके लक्षण धीरे-धीरे स्मृति की हानि, सोचने में दिक्कत, सिर दर्द आदि का होना हैं. अल्जाइमर डिमेंशिया का आम रूप है. आइये इस लेख के माध्यम से अल्जाइमर रोग के बारे में 10 महत्वपूर्ण या आवश्यक तथ्यों को अध्ययन करते हैं.

10 important facts about Alzheimer’s disease
10 important facts about Alzheimer’s disease

क्या आप जानते हैं कि डिमेंशिया के सबसे सामान्य कारणों में से एक है अल्जाइमर रोग. कभी-कभी लोग कुछ समान रखकर भूल जाते हैं, या किसी का नाम भूल जाते हैं परन्तु अगर ये भूल रहे हों कि किसी जगह पर वो क्यों गए है तो ये गंभीर विषय है. देखा जाए तो अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है  जो ज्यादातर 65 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली दिमाग से जुड़ी बीमारी है. शुरूआती लक्षण में रोगी बार-बार चीज़े भूलने लगता है, बात करने में सही शब्दों का याद न आना, लोगों या साधारण वस्तुओं को ना पहचान पाना इत्यादि. रोगियों के व्यवहार में भी काफी बदलाव आ जाता है.

इसलिए ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि अल्जाइमर एक न्यूरोडिजेनरेटिव और एक अपक्षयी दिमागी विकार है. यह रोग उन कोशिकाओं को नष्ट कर देता है जो मस्तिष्क में एक दूसरे को जोड़ती हैं. यह तब होता है जब मस्तिष्क में प्लाक बनता है जिसमें बीटा एमिलॉयड होता है.

इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सोचने में सक्षम नहीं होता है और सरल कार्यों को पूरा करने की क्षमता भी नष्ट हो जाती है. समय के साथ-साथ, अल्जाइमर के लक्षण खराब होते जाते हैं, किसी व्यक्ति के लिए हाल ही की घटनाओं को याद रखना, कारणों और यहां तक कि उन लोगों को पहचानना मुश्किल हो जाता है जिन्हें वे जानते हैं.

यह डिमेंशिया का आम रूप है जो कि मस्तिष्क में विकारों का एक समूह है और कम संज्ञानात्मक कौशल से संबंधित मस्तिष्क रोगों को परिभाषित करने के लिए किया जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से अल्जाइमर रोग के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्यों पर अध्ययन करते हैं.

अल्जाइमर रोग के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्य

1. अल्जाइमर रोग का नाम डॉ. अलॉइस अल्जाइमर (Dr. Alois Alzheimer) के नाम पर रखा गया है. 1906 में डॉ. अल्जाइमर ने एक महिला के मस्तिष्क के ऊतकों में कुछ बदलावों को देखा जिसकी असामान्य मानसिक बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. उसके लक्षणों में स्मृति हानि, भाषा की समस्याएं, और अप्रत्याशित व्यवहार शामिल थें. उसके मरने के बाद जब मस्तिष्क की जांच हुई तो amyloid plaques यानी  असामान्य क्लम्प  और तंतुओं (tangles)  के उलझे बंडल मिले.

2. अल्जाइमर रोग की मुख्य विशेषताएं मस्तिष्क में प्लाक और टेंगल्स हैं. क्या आप जानते हैं कि हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क में यादों को रखने वाला एक अहम हिस्सा है. इस रोग के कारण मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं यानी न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन टूट जाता है. न्यूरॉन्स का कार्य है मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों और मस्तिष्क से शरीर में मांसपेशियों और अंगों के बीच संदेश प्रसारित करना. मस्तिष्क में परिवर्तन का होना अल्जाइमर रोग पैदा करता है पर यह शुरुआत में हिप्पोकैम्पस को क्षति पहुचाता है. इससे न्यूरॉन्स नष्ट हो जाते है जिससे मस्तिष्क के अतिरिक्त हिस्से भी प्रभावित होते हैं. अल्जाइमर के अंतिम चरण में क्षति व्यापक हो जाती है और मस्तिष्क के ऊतक काफी सिकुड़ते जाते हैं.

3. एक पीएचडी संकाय टिमोथी होहमान (Timothy Hohman) के अनुसार वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय मेमोरी और नैशविले टेनेसी के अल्जाइमर सेंटर (Vanderbilt University's Memory and Alzheimer's Center)  में कहा गया है कि जिन लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होता है उनको कार्डियोवैस्कुलर बीमारी भी होती है. ये हम जानते हैं कि अल्जाइमर रोग के कारण मस्तिष्क कोशिकाओं की क्षति और विभिन्न प्रकार के संज्ञानात्मक कार्य प्रभावित हो जाते हैं जैसे स्मृति हानि, भाषा की समस्याएं और अप्रत्याशित व्यवहार.

4. अल्जाइमर रोग केवल स्मृति की हानि ही नहीं है वास्तव में धीरे-धीरे स्मृति को कम करना रोग का एक प्रमुख लक्षण है. यह मस्तिष्क के भीतर टंगल्स या प्लाक नामक प्रोटीन के निर्माण के कारण होता है और इसे तीसरे प्रकार के मधुमेह के रूप में भी जाना जाता है.

&nbdp;

5. अल्जाइमर बीमारी के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक उम्र का बढ़ना है. यह एक सामान्य उम्र बढ़ने का हिस्सा नहीं है, लेकिन 65 तक पहुंचने के बाद इस बिमारी के होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है. कभी-कभी 30 साल की उम्र में भी इसके लक्षण हो सकते हैं, दुर्लभ अनुवांशिक परिवर्तनों के कारण. हमारे शरीर में जीन (genes) हमारे नियंत्रण से बाहर होते हैं और एक आनुवंशिक Apolipoprotein जीन ApoE (जीन के तीन रूपों में से एक) बनता है जो कि अल्जाइमर की प्रारंभिक शुरुआत मानी जाती है. अधिकांश लोगों में अल्जाइमर रोग एक पारिवारिक इतिहास की स्थिति नहीं है, लेकिन इसके विकास के जोखिम बढ़ जाते है यदि आपके परिवार का एक सदस्य इससे ग्रस्त हो.

6. अल्जाइमर रोग का अभी तक कोई इलाज नहीं है क्योंकि मस्तिष्क में कोशिकाओं की मृत्यु या बदलने के बाद इनको ठीक नहीं किया जा सकता है. यद्यपि उपचार कुछ लोगों में लक्षणों का प्रबंधन करने में मदद कर सकता है जैसे  हृदय रोग के जोखिम को कम करके आप इस बीमारी का खतरा कम कर सकते हैं. नियंत्रित होने वाले महत्वपूर्ण कारक उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, अतिरिक्त वजन और मधुमेह हैं.

Brain Shrunken with Alzheimer disease

Source: www.factfile.org.com

रेकॉम्बीनैंट DNA टेक्नोलॉजी क्या है?

7. अल्जाइमर रोग के 7 चरण हैं और ये विभिन्न लक्षणों के साथ विभिन्न तरीकों से लोगों को प्रभावित करता है. निम्नलिखित चरण इस प्रकार हैं:

चरण 1 - कोई हानि या कोई लक्षण का दिखना
यह चरण एक व्यक्ति की संज्ञानात्मक कार्य या किसी प्रकार के लक्षण के न दिखने को चिह्नित करता है. इसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं का नुकसान होना शुरू हो जाता है परन्तु किसी भी लक्षण का प्रदर्शन नहीं होता है.

चरण 2 - मेमोरी में हल्की कमी का होना  
इस चरण में संज्ञानात्मक कार्य में हलकी गिरावट होती है. क्षतिग्रस्त मस्तिष्क की कोशिकाओं ने स्मृति हानि और विस्मृति के प्रभाव को व्यक्तियों में लक्षण के रूप में दिखाना शुरू कर दिया है. हालांकि, इस चरण के दौरान पागलपन के लक्षण की का पुष्टि का निदान नहीं किया जा सकता है.

चरण 3 - हल्के संज्ञानात्मक
इस चरण में हल्के संज्ञानात्मक लक्षण यानी मूड और व्यवहार में गंभीर परिवर्तन से परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को पता चलता हैं कि व्यक्ति में कुछ सामान्य नहीं है यानी ये एक चिह्नित की अवस्था है. इस चरण में, व्यक्ति को सही शब्द खोजने में दिक्कत, दैनिक गतिविधियों में कठिनाई होती है और मूल्यवान वस्तुओं को खो देता है या रखकर भूल जाता है.

चरण 4 - मध्यम संज्ञानात्मक  
यह चरण मध्यम संज्ञानात्मक गिरावट को चिह्नित करता है. डॉक्टर वास्तविक समस्या का पता लगाते हैं और चिकित्सा प्रदान करते हैं. इस चरण के दौरान लक्षण दैनिक कार्यों और गतिविधियों को करने में कठिनाई होना, भूलना, सर में दर्द और व्यवहार में परिवर्तन आना हैं.

चरण 5 - गंभीर संज्ञानात्मक / प्रारंभिक मनोभ्रंश
यह चरण एक मामूली गंभीर संज्ञानात्मक की गिरावट को दर्शाता है. इसमें, व्यक्तियों को अपने दैनिक गतिविधियों के लिए मदद की आवश्यकता पड़ती है और उनके व्यवहार में परिवर्तन अब भी स्पष्ट रूप से दूसरों को दिखता हैं. पीड़ित व्यक्ति अक्सर अपनी स्मृति में अनुभव और अपने स्वयं के संपर्क विवरण आदि को याद नहीं कर पाता है. इसके अलावा, वे मानसिक अंकगणितीय में बहुत खराब हो जाता है और कपड़ों को अलग-अलग मौसमी परिवर्तन के अनुसार पहनना भूल जाता है. हालांकि, इस चरण में, पीड़ित व्यक्ति शौचालय खुद से उपयोग कर पाता है और अभी भी कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तिगत विवरण को याद कर पता है.

चरण 6- मध्यम अल्जाइमर रोग / मध्य मनोभ्रंश
इस चरण में पीड़ित व्यक्ति गंभीर संज्ञानात्मक की गिरावट में प्रवेश कर लेता है. इस स्तर पर, बीमारी धीरे-धीरे प्रगति करती है और लक्षण बदतर होने शुरू हो जाते हैं. व्यक्ति गंभीर स्मृति हानि का अनुभव करता है और अपनी दैनिक दिनचर्या के लिए अधिक सहायता की आवश्यकता होती है. शौचालय और यहां तक कि नींद में गड़बड़ी के कारण अधिक मदद की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, वे परिचित चेहरे, अनुभव व्यवहार और मनोदशा में परिवर्तन के कारण पहचानने में असमर्थ महसूस करता है. वे खोने के डर से सहायता के बिना घर से बाहर नहीं जा पाता है.

चरण 7- गंभीर मनोभ्रंश
यह चरण एक बहुत ही गंभीर संज्ञानात्मक गिरावट को दर्शाता है. इस स्थिति में, पीड़ित व्यक्ति और अधिक गंभीर लक्षण अनुभव और उनके दैनिक गतिविधियों को करने में असमर्थ हो जाता हैं. वे ठीक से संवाद करने में और साथ ही उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करने में असमर्थ होता है. सजगता असामान्य और वे मदद के बिना किसी भी एकल गतिविधि को करने में कठिनाई महसूस करता है. उदाहरण के लिए, वे सहायता के बिना बैठने और अपने सिर को ऊपर की तरफ करने में भी असमर्थ हो जाता है.
इन चरणों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति में अल्जाइमर रोग एक प्रगतिशील रूप में विकार पैदा करता है. अगर समय पर निदान नहीं किया जाए और उपचार शुरू नहीं किया जाए तो यह काफी गंभीर रूप ले सकता है.

8. अल्जाइमर एक प्रगतिशील बीमारी है और इसलिए यह समय के साथ खराब होती जाती है. शुरुआती चरणों में, स्मृति हल्की कम होती है लेकिन बादमें व्यक्ति वार्तालाप करने और पर्यावरण में सही से रहने की क्षमता खो सकता है. पीड़ित व्यक्ति बेवजह दूसरों की मंशा पर शंक करने लगते हैं. अत्यधिक चिंता और भय के कारण व्यक्ति में उन्माद बढ़ता है. इसके कारण भम्र बढ़ता है और वे भावुक, संदिग्ध, चिड़चिड़े, अंतर्मुखी, उदास, जिद्दी, ईर्ष्या, स्वार्थी, एकांतप्रिय और कड़वे स्वभाव के हो जाते हैं.

9. क्या आपको पता है कि अल्जाइमर रोग से पीड़ित व्यक्ति 3 या 4 साल जीवित रह सकता है यदि व्यक्ति निदान के दौरान 80 वर्ष से अधिक उम्र का हो और यदि व्यक्ति कम उम्र का हो तो 10 या उससे अधिक वर्षों तक जीवित रह सकता है. इस रोग में प्रत्येक व्यक्ति के लिए जीवन प्रत्याशा भिन्न होती है.

10. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अल्जाइमर रोग होने का रिस्क ज्यादा होता है. अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (US Department of Health and Human Services) के अनुसार पुरुषों की तुलना में लगभग दुगना महिलाओं में ये रोग पाया जाता है. महिलाओं में अधिक तेज़ी से इसके लक्षण खराब होने लगते हैं. यहां तक कि महिलाओं में मस्तिष्क (Brain shrinkage) अधिक गंभीरता से सिकुड़ता है पुरुषों की बजाए.

इसलिए, हम कह सकते हैं कि अल्जाइमर रोग एक तंत्रिका संबंधी विकार है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं मर जाती हैं जो स्मृति की हानि, बोलने या लिखने में शब्दों के साथ समस्या, खराब निर्णय, मनोदशा और व्यक्तित्व में परिवर्तन, समय या स्थान के साथ भ्रम आदि पैदा कर देती हैं. पहले चरण में इस रोग के लक्षण हल्के होते हैं लेकिन वे समय के साथ अधिक गंभीर होते जाते हैं. यह डिमेंशिया का एक आम रूप है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News