India’s Widest Rail-Road Bridge: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों को एक नई सौगात मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने वाराणसी में गंगा नदी पर एक नए रेल-सह-सड़क पुल (Rail-cum-Road Bridge) को मंजूरी दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह नया पुल परिवहन क्षमता के लिहाज से 'सबसे बड़े' पुलों में से एक होगा.
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काशी वासियों के लिए बड़ी सौगात:
केन्द्रीय कैबिनेट के इस फैसले से जहां एक ओर लोगों को ट्राफिक से निजात मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर लोगों के समय की भी बचत होगी. यह पुल हर साल करीब 8 करोड़ लीटर डीजल की खपत को बचाएगा, जिससे लगभग ₹638 करोड़ की सालाना बचत होगी. इस मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत ₹2,642 करोड़ है.
देश का सबसे चौड़ा रेल-रोड ब्रिज:
India’s Widest Rail-Road Bridge: वाराणसी में गंगा नदी पर बनने वाला यह रेल-रोड ब्रिज देश का सबसे चौड़ा रेल और रोड पुल होगा. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों के लिए यह एक बड़ी सौगात है.
पुल की प्रमुख विशेषताएँ:
आप यहां रेल-सह-सड़क पुल (Rail-cum-Road Bridge) की प्रमुख विशेषताएँ देख सकते है-
विशेषता | विवरण |
प्रकार | रेल-सह-सड़क पुल (Rail-cum-Road Bridge) |
स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश (गंगा नदी पर) |
रेलवे लाइनें | 4 रेलवे लाइनें |
सड़क लेन | 6 लेन का हाइवे |
लंबाई | 1 किलोमीटर से अधिक |
आयु अवधि | 150 साल |
परियोजना लागत | ₹2,642 करोड़ |
निर्माण अवधि | 4 साल |
डीजल बचत | प्रति वर्ष 8 करोड़ लीटर डीजल की बचत |
वित्तीय बचत | प्रति वर्ष ₹638 करोड़ की बचत |
क्षमता वृद्धि | वाराणसी से डीडीयू के बीच 27.83 MTPA माल ढुलाई की क्षमता |
पुराना पुल | मलवीय पुल (137 साल पुराना, 2 रेल लाइनें और 2 सड़क लेन) |
ओवरसैचुरेशन स्तर | 163% (मलवीय पुल और वाराणसी-डीडीयू मार्ग पर) |
कब तक प्रोजेक्ट होगा पूरा?
इस नए पुल में चार रेलवे लाइनें और छह लेन का हाइवे शामिल होगा. रेल मंत्री ने बताया कि पुल की जटिल संरचना को देखते हुए इसे पूरा करने में लगभग चार साल लगेंगे. यह प्रोजेक्ट वाराणसी और चंदौली जिलों में आवश्यक बुनियादी ढांचे में सुधार लाएगी.
वाराणसी-चंदौली जिलों का मुख्य कनेक्शन:
वाराणसी रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में काम करता है, जो तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय आबादी के लिए एक प्रमुख मार्ग है. वाराणसी और पं. दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन के बीच का मार्ग यात्री और माल यातायात दोनों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यह पुल वाराणसी और चंदौली जिलों को जोड़ने का भी काम करता है.
137 साल पुराने पुल का नया विकल्प:
वाराणसी में स्थित मलवीय पुल, गंगा नदी पर बना एक महत्वपूर्ण रेलवे पुल है, जो भारत के उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी राज्यों को जोड़ता है. यह पुल करीब 137 साल पुराना है और इसमें दो रेल लाइनें और दो सड़क लेन हैं.
रेल मंत्री ने बताया कि पुल की पुरानी स्थिति और वाराणसी से डीडीयू के बीच 163% ओवरसैचुरेशन को देखते हुए, मलवीय पुल का प्रतिस्थापन अत्यंत आवश्यक है, ताकि क्षेत्र में सुरक्षित और कुशल परिवहन सुनिश्चित हो सके.
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