जानें भारत का पहला सौर राजमार्ग कहां बनेगा और इसके क्या फायदे होंगे

Jun 25, 2021, 10:34 IST

भारत के पहले सौर राजमार्ग जल्द ही संचालित किए जाएंगे और इसके क्या फायदे हो सकते हैं. साथ ही जानेंगे की भारत में इनका कौन सा मॉडल संचालित होगा.

 India's first solar highway project
India's first solar highway project

आगामी समृद्धि महामार्ग (Samruddhi Mahamarg) पर प्रस्तावित सौर पैनल परियोजना, जिसे मुंबई-नागपुर सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur super communication expressway) के रूप में भी जाना जाता है, प्रतिदिन लगभग 1.60 लाख घरों में रोशनी कर सकती है.

MSRDC के संयुक्त प्रबंध निदेशक चंद्रकांत पुलकुंडवार (Chandrakant Pulkundwar) के अनुसार यह परियोजना एक्सप्रेसवे को एक ग्रीन कॉरिडोर बना देगी.

लगभग 700 किमी लंबा, 8-लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे, जो महाराष्ट्र की दो राजधानियों यानी मुंबई और नागपुर को जोड़ता है.

इस प्रोजेक्ट को कहां बनाया जाएगा?

चरण 1 में प्रारंभिक योजना के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) कॉरिडोर के साथ 25 में से सात इंटरचेंज पर सौर पैनल स्थापित करने का इरादा रखता है.

सात स्पॉट अमरावती में विरुल, धामनगांव और शिवनी (Virul, Dhamangoan और Shivni), तालेगांव में गावनेर (Gavner), वाशिम में करंज और मालेगांव (Karanj and Malegoan), बुलढाणा में महेकर (Mehekar), कोकमथान अहमदनगर हैं. 

ऐसा बताया जा रहा है कि इंटरचेंज का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि इसे विकसित करने के लिए यहाँ बहुत बड़ी जगह उपलब्ध है. प्रत्येक चयनित इंटरचेंज क्षेत्र 40 एकड़ से अधिक है.

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अब जानते हैं कि इसमें कितना खर्चा आएगा?

यह प्रोजेक्ट एक्सप्रेस-वे को ग्रीन कॉरिडोर बनाएगा.  सौर पैनल परियोजना पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे और उक्त परियोजना का जीवन अगले 25 वर्षों के लिए होगा.

एक अधिकारी के मुताबिक शुरुआती 10 साल में परियोजना की लागत का भुगतान कर दिया जाएगा और उसके बाद इससे राजस्व अर्जित करना शुरू किया जाएगा. चंद्रकांत पुलकुंडवार (Chandrakant Pulkundwar)  के अनुसार यह परियोजना समृद्धि महामार्ग राजस्व में वृद्धि का एक हिस्सा है.

उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इन सौर पैनलों के माध्यम से उत्पन्न होने वाली बिजली को सीधे उक्त वितरक के इलेक्ट्रिक ग्रिड से जोड़ा जाएगा और बेचा जाएगा."

“एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज का चयन किया गया है क्योंकि सौर पैनल स्थापित करने के लिए बहुत बड़ी जगह उपलब्ध है. वास्तव में, प्रत्येक चयनित इंटरचेंज क्षेत्र 40 एकड़ से अधिक है. एक बार परियोजना पूरी हो जाने के बाद, यह लाखों घरों में रोशनी कर सकती है; एक्सप्रेसवे पर बिजली की मांग को पूरा करने के अलावा भी, ”चंद्रकांत पुलकुंडवार ने कहा.

आइये अब इस प्रोजेक्ट से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं 

एशिया और प्रशांत के लिए GGGI के क्षेत्रीय तकनीकी प्रमुख गुलशन वशिष्ठ (Gulshan Vashistha) के अनुसार, "यह पहला अक्षय (Renewable) ऊर्जा प्रोग्राम है, जो भारत में एक बड़ी सड़क बुनियादी ढांचा परियोजना के साथ जुड़ा हुआ है."

इस परियोजना का अपेक्षित दीर्घकालिक प्रभाव परियोजना के 25 साल के जीवनकाल के दौरान CO2 उत्सर्जन को 10 मिलियन टन कम करना और लगभग 200 हरित रोजगार सृजित करना है.

यह परियोजना सुपर हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की MSRDC की अतिरिक्त योजना का मार्ग प्रशस्त करेगी.

इन स्थानों से रोजाना कुल 161 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.

एक बार परियोजना पूरी हो जाने के बाद, यह लाखों घरों में रोशनी कर सकती है. एक्सप्रेसवे पर बिजली की मांग को पूरा करने के अलावा भी.

क्या अन्य देशों में भी इस प्रकार के प्रोजेक्ट हैं?

भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है लेकिन अन्य कई देशों में इसे लागू किया गया है. चीन ने आज से लगभग तीन साल पहले ही सौर ऊर्जा से चलने वाले राजमार्ग का परीक्षण किया जो इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज कर सकता है. यह मॉडल थोड़ा अलग और एडवांस्ड कांसेप्ट है.

यूरोप में राजमार्गों के लिए सौर कैनोपी (Solar Canopy) पर काम किया जा रहा है. यूरोप में प्रौद्योगिकी नेताएं मिलकर ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी संस्थान (Austrian Institute of Technology), जर्मनी में फ्रौनहोफर ISE  (Fraunhofer ISE in Germany), और स्विट्जरलैंड में फोर्स्टर इंडस्ट्रीटेक्निक (Forster Industrietechnik in Switzerland) - स्वच्छ विद्युत उत्पादन के लिए विशाल, कम-उपयोग किए गए सड़क नेटवर्क में टैप करने के लिए राजमार्गों के लिए एक सौर कैनोपी प्रणाली विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं.

भारत में इसकी शुरुआत हो रही है आगे इसे और विकसित करने की उम्मीद है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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