राजनीतिक दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक वरिष्ठ पदाधिकारी केशव रमेश मुले द्वारा एक याचिका दायर की गई है, जिसमें यह घोषणा करने की मांग की गई है कि "लूडो एक किस्मत या चांस का खेल है न कि कौशल का खेल".
याचिका में कैशग्रेल प्राइवेट लिमिटेड (Cashgrail Private Limited) के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की गई है, जो मोबाइल एप्लिकेशन "लूडो सुप्रीम ऐप" का मालिक है, इस आधार पर कि यह जुए को बढ़ावा देता है.
इसकी पृष्ठभूमि क्या है?
शुरुआत में याचिकाकर्ता ने कैशग्रेल (Cashgrail) के खिलाफ गिरगांव पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट करने के लिए दरवाजा खटखटाया था.
हालांकि, चूंकि पुलिस ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया, मुले ने गिरगांव, मुंबई में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत शिकायत दर्ज की और उनकी कंप्लेंट के उपर जांच करने की मांग की.
उनकी शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और महाराष्ट्र जुआ रोकथाम अधिनियम (Maharashtra Prevention of Gambling Act) के तहत अपराधों का गठन करने वाले तथ्य शामिल हैं. वहीं ACMM ने आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि MPG अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे क्योंकि "लूडो का खेल कौशल का खेल है न कि किस्मत या चांस का खेल".
हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता ने क्या तर्क दिया
मुले ने कहां कि उन्हें पता चला है कि खिलाड़ी खेल में पैसे की शर्त लगाकर खेल सकते हैं जिससे उन्हें या तो नुक्सान हो रहा है या फिर पैसा कमा रहे हैं.
मुले की दलील थी कि महाराष्ट्र जुआ रोकथाम (MPG) अधिनियम के प्रावधान उस खेल पर लागू होते हैं जिसे दांव पर लगाने के लिए खेला जा रहा है.
उन्होंने प्रस्तुत किया कि 3 साल के बच्चे के खेल जीतने की संभावना को कम नहीं किया जा सकता है और इसलिए, लूडो को केवल कौशल का खेल नहीं माना जा सकता है, बल्कि यह एक किस्मत का या चांस का खेल है.
आगे उन्होंने बताया कि खेल का प्रारूप मूल बोर्ड खेल प्रारूप के समान था. हालाँकि, मोबाइल एप्लिकेशन में अंतर यह था कि खेल शुरू होने से पहले एक प्रवेश शुल्क का भुगतान करना होता है.
जो खिलाड़ी खेल जीत जाता है तो चाहे उसने थोड़ी ही एंट्री फीस दी हो उसे प्राइज़ मनी के तौर पर पूरी फीस मिल जाएगी और उसमें से कुछ पार्ट मोबाइल एप्प वाले रख लेते हैं.
इस याचिका में दावा किया गया है कि यह कंपनी हर यूजर से पांच रुपये लेती है. एक खेल में चार लोग होते हैं. यानी इस हिसाब से हर यूजर से पांच रुपये लेकर 20 रुपये वसूल किए जाते हैं. खेल के अंत में, जीतने वाले को 17 रुपये मिलते हैं. जबकि तीन रुपये कंपनी को जाते हैं. पुरस्कार राशि कुछ काल्पनिक जीत नहीं है बल्कि मूल्य की वास्तविक समय की मुद्रा है.
मुले ने दावा किया कि लूडो में Dice का लुढ़कना और रोल्ड वैल्यू पूरी तरह से इसके द्वारा उपयोग किए जाने वाले एप्लिकेशन और एल्गोरिदम द्वारा नियंत्रित होती है.
लूडो का खेल उसके पांसा गिरने के बाद उस पर आने वाले अंकों पर निर्भर करता है. इस तरह से देखा जाए तो लूडो कौशल नहीं किस्मत का खेल है. इस खेल में लोग जब जब कुछ दांव पर लगाते हैं तो यह जुए का रूप ले लेता है.
याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि ऑनलाइन पॉपुलर हो रहे लूडो के इस गेम में लोग जमकर पैसा लगा रहे हैं. ऐप से जुड़े प्रबंधन के लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है. 22 जून को इस याचिका पर सुनवाई होगी.
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