भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। वहीं, एशिया में यह दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। रेलवे में प्रतिदिन करोड़ों यात्री सफर कर अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं। इन यात्रियों में सफर करने वाले बच्चों की संख्या भी अधिक रहती है।
हालांकि, कई बार लोग जानकारी न होने की वजह से छोटे बच्चों की यात्रा टिकट ले लेते हैं। ऐसे में इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर किस उम्र के बच्चों के लिए रेलवे में फ्री यात्रा की सुविधा है।
कितनी उम्र तक कर सकते हैं फ्री यात्रा
यदि आपका बच्चा 4 साल तक का है, तो उसके लिए ट्रेन में यात्रा टिकट नहीं लेना होगा। क्योंकि, ऐसे बच्चे गोद में बैठकर भी यात्रा कर सकते हैं। ऐसे में रेलवे में इतनी उम्र तक बच्चों के लिए टिकट बाध्य नहीं है।
कब लेना होगा हाफ टिकट
रेलवे में यदि आप अपने बच्चे के साथ यात्रा कर रहे हैं और आपके बच्चे की उम्र 5 से 12 वर्ष तक है। इस स्थिति में आपको बच्चे का हाफ टिकट लेना होगा। हालांकि, इसके लिए आपको ट्रेन में बर्थ नहीं मिलेगा, बल्कि बच्चे को अपने साथ एडजस्ट करना होगा।
कब मिलेगी पूरी सीट
यदि आपको बच्चे के लिए पूरा बर्थ चाहिए, तो आपको किराये का पूरा भुगतान करना होगा। ऐसे में बच्चा पूरी सीट पर अकेला बैठकर यात्रा कर सकता है।
कब लेना होगा पूरा टिकट
यदि आपका बच्चा 12 वर्ष से अधिक आयु का है, तो आपको उसके लिए ट्रेन यात्रा का पूरा टिकट लेना होगा। हालांकि, इसके लिए आपको पूरी सीट दी जाएगी।
पहले वरिष्ठजनों को भी मिलता था लाभ
भारतीय रेलवे में कोविड से पहले सीनियर सिटिजन के लिए भी रेलवे में हाफ टिकट का प्रावधान था, लेकिन कोविड के बाद से यह सुविधा बंद हो गई है। हालांकि, काफी समय से लोगों द्वारा रेलवे में सीनियर सिटिजन के लिए हाफ किराये की मांग की जा रही है।
हर श्रेणी का अलग-अलग किराया
रेलवे में यात्रा के लिए अलग-अलग श्रेणी के तहत किराया तय है। इसमें दूरी भी प्रमुख कारक है, जितनी अधिक दूरी उतना अधिक किराया होता है। वहीं, यात्रा श्रेणी बदलने पर किराया भी बढ़ जाता है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation