उत्तराखंड राज्य अपनी ऊंची बर्फीली चोटियों और खूबसूरत नजारों के लिए जाना जाता है। साथ ही, यहां के धार्मिक स्थल इसे अन्य राज्यों की तुलना में विशेष बनाते हैं, जिनमें चार धाम के धार्मिक स्थल भी शामिल हैं।
भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं व समृद्ध इतिहास के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। आपने भी प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तराखंड का कब हुआ गठन
उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर, 2000 में किया गया था। पहले यह उत्तर प्रदेश का भाग हुआ करता था, लेकिन भाषा, संस्कृति और अन्य कारणों की वजह से अलग से राज्य का गठन किया गया। उस समय इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। साल 2006 में इसका नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।
उत्तराखंड में कुल जिले और संभाग
उत्तराखंड राज्य 53,483 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे देश के करीब 1.6 फीसदी क्षेत्र के बराबर है। यहां कुल 13 जिले हैं, जो कि दो संभागों में आते हैं। इनमें कुमाऊं और गढ़वाल संभाग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यहां 110 तहसील, 6 नगर निगम, 41 नगर पंचायत और 13 जिला पंचायत हैं।
राज्य की कुल जनसंख्या
देशभर में साल 2011 में अंतिम बार जनगणना की गई थी। इसके रिकॉर्ड के मुताबिक, यह संख्या 100,86,292 दर्ज की गई थी, जो कि उस समय पूरे देश का करीब 0.83 फीसदी थी। इसमें पुरुषों की जनसंख्या 51,33,773 और महिलाओं की संख्या 49,48,519 दर्ज की गई थी। इन आंकड़ों में ग्रामीण जनसंख्या 70,36,954 और शहरी जनसंख्या 30,49,338 दर्ज की गई थी।
उत्तराखंड का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला
उत्तराखंड के सबसे कम जनसंख्या वाले जिले की बात करें, तो यह रूद्रप्रयाग जिला है।
कितनी है जिले की जनसंख्या
रूद्रप्रयाग जिले की जनसंख्या की बात करें, तो साल 2011 में यह 242,285 दर्ज की गई थी। इसमें पुरुषों की संख्या 114,589 व महिलाओं की संख्या 127,696 दर्ज की गई थी।
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