क्या होती है QR Code की फुलफॉर्म, जानें

क्यूआर कोड हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है। इस लेख में हम क्यूआर कोड की फुलफॉर्म व इसके काम करने के तरीके के बारे में जानेंगे।   

May 7, 2025, 19:29 IST
क्यूआर कोड की फुलफॉर्म
क्यूआर कोड की फुलफॉर्म

आज के डिजिटल युग में सभी चीजें डिजिटल होती जा रही हैं। इस कड़ी में अब सभी लोग कैशलैस हो रहे हैं, क्योंकि अब कैश की जगह डिजिटल पेमेंट ने ले ली है। बस, आपको पेमेंट गेटवे पर जाकर QR Code स्कैन करना है और आपकी पेमेंट हो जाएगी।

वहीं, अब अमूमन सभी उत्पादों पर भी क्यूआर कोड आता है, जिसमें उत्पाद से जुड़ी जानकारी शामिल होती है। हालांकि, क्या आप क्यूआर कोड की फुलफॉर्म जानते हैं और यह कैसे काम करता है, इन सभी जानकारी के लिए आप यह पूरा लेख पढ़ सकते हैं।

क्या होती है QR Code की फुलफॉर्म

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि QR Code की फुलफॉर्म क्या होती है। आपको बता दें कि QR Code की फुलफॉर्म Quick Response Code होती है। 

क्या होता है QR Code

क्यूआर कोड एक प्रकार का द्वि-आयामी मैट्रिक्स बार कोड होता है। इसे आप स्मार्टफोन के कैमरे से आसानी से स्कैन कर इसमें शामिल जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं। यह मुख्य तौर पर काले और सफेद रंग में ही होता है, जो कि दिखने में वर्गाकार में होता है। इसमें जानकारी को एनकोड किया जाता है। 

कैसे काम करता है QR Code

क्यूआर कोड में काले और सफेद डॉट रहते हैं, जो कि थोड़ा स्पेस छोड़कर दिए गए होते हैं। वहीं, इनका अलाइनमेंट पैटर्न और टाइमिंग पैटर्न इन्हें एक-दूसरे से अलग बनाता है, जिनमें अलग-अलग जानकारी को इनकोड किया जाता है। ऐसे में इन कोड को स्कैनर की मदद से स्कैन किया जा सकता है। 

कहां उपयोग होता है QR Code

वेबसाइटों के लिंक साझा करना: क्यूआर कोड का इस्तेमाल वेबसाइट के यूआरएल को एन्कोड कर यूजर्स को सीधे वेबसाइट पर लाने के लिए किया जाता है। 

संपर्क जानकारी साझा करना: इसके माध्यम से vCard के रूप में संपर्क विवरण साझा किया जा सकते हैं। यह स्कैन करने के बाद फोन में भी सेव हो सकता है। 

वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ना: क्यूआर कोड स्कैन कर वाई-फाई नेटवर्क और इसके पासवर्ड के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है। 

भुगतान करना: यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने के लिए भी क्यूआर कोड का इस्तेमाल होता है।

उत्पाद की जानकारी देना: उत्पाद पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर, उत्पाद की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 

इवेंट टिकट और कूपन: बड़े आयोजनों में भी टिकट व कूपन के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ मामलों में इनसे ऑफर भी प्राप्त किये जाते हैं।

लोकेशन साझा करना: क्यूआर कोड से लोकेशन भी साझा की जाती है।

ऐप डाउनलोड लिंक: ऐप स्टोर से किसी भी ऐप को लिंक कर डाउनलोड किया जा सकता है।

क्या है QR Code का इतिहास 

क्यूआर कोड के इतिहास की बात करें, तो इसका आविष्कार 1994 हुआ था, जिसे जापान की कंपनी डेन्सो वेव (Denso Wave) के मासाहिरो हारा ने ऑटोमोबाइल पार्ट्स के लिए किया था। इसके माध्यम से पार्ट्स को ट्रैक किया जाता था। इसकी तेज स्कैनिंग क्षमता को देखते हुए इसे अन्य उद्योगों में भी शामिल किया गया। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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