भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें यहां राजा-महाराजाओं का शासन देखने को मिलता है। इनके शासन में कई ऐतिहासिक किलों का निर्माण करवाया गया है, जिनसे वर्तमान में भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत देखने को मिलती है।
आज भारतीय किलों को करीब से देखने के लिए देश-दुनिया से लोग पहुंचते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे छोटा किला भी मौजूद है, कौन-सा है यह किला, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
किस राज्य में है भारत का सबसे छोटा किला
भारत का सबसे छोटा किला मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर शहर में मौजूद है।
कौन-सा है सबसे छोटा किला
जबलपुर में स्थित मदन महल को दुनिया का सबसे छोटा किला कहा जाता है।
कब और किसने करवाया था किले का निर्माण
मदन मोहन किले का निर्माण राजा मदन शाह द्वारा 1100ई. में करवाया गया था। वह गौंड़ वंश के 10वें राजा था। हालांकि, अब यह किला पूरी तरह से खंडहर बन चुका है।
चट्टान को काटकर बनाया गया है किला
इस किले का निर्माण एक ग्रेनाइट की बड़ी चट्टान काटकर किया गया है। किला जमीन से करीब 500 मीटर ऊपर है। हालांकि, आकार में बहुत छोटा होने के कारण इसे आसानी से देखा जा सकता है।
किले में मौजूद है गुप्त सुंरगें
किले में गुप्त सुरंगें भी मौजूद हैं। किंवदंतियों के अनुसार, सुरंग का इस्तेमाल राजा की माता दुर्गावती द्वारा किया जाता था। ऐसा कहा जाता है कि वह अक्सर इस सुरंग के माध्यम से मंडला तक जाया करती थीं। रानी दुर्गावती को बहादुर गौंड़ रानी के रूप में जाना जाता है।
किले को लेकर लोगों में भ्रम
कुछ किंवदंतियों के मुताबिक, लोगों के बीच यह प्रचलित है कि किले में दो सोने की ईंटें मौजूद हैं। ऐसे में इसे लेकर कई लोगों ने किले में खुदाई तक की, लेकिन कभी किसी को कुछ नहीं मिला है।
वहीं, कुछ लोग इसे लोगों के बीच एक अफवाह के रूप में मानते हैं। गढ़ा-मंडला में आज भी एक दोहा प्रचलित है - मदन महल की छांव में, दो टोंगों के बीच। जमा गड़ी नौं लाख की, दो सोने की ईंट।
ASI की देखरेख में किला
वर्तमान में यह किला पूरी तरह से भारतीय पुरात्त्व सर्वेक्षण विभाग के पास है। विभाग द्वारा किले की देखरेख की जाती है। इस वजह से अब किसी भी बाहरी व्यक्ति को अनाधिकृत रूप से किले में प्रवेश नहीं दिया जाता है।
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