International Women's Day 2024: एक न्यायसंगत और समतापूर्ण समाज के निर्माण में महिलाओं का अहम योगदान होता है. बिना महिलाओं के प्रतिनिधित्व के किसी भी आदर्श समाज की परिकल्पना नही की जा सकती है. ऐसे में महिलाओं को सशक्त बनाने और राजनीति, अर्थशास्त्र और सामाजिक क्षेत्रों सहित जीवन के सभी पहलुओं में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए.
लैंगिक भेदभाव से मुक्त एक बेहतर समाज बनाने के लिए लैंगिक समानता का संदेश फैलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. यह दिवस महिलाओं के समान अधिकार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार और प्रजनन अधिकारों जैसे मुद्दों को संबोधित करता है.
महिलाओं के लिए समान अवसर, प्रतिनिधित्व और उनके प्रभाव के बारें में बात करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से बेहतर कोई दिन नहीं है.आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ आगे बढ़ रही है. ऐसे में हम उन भारतीय महिलाओं की बात करने जा रहे है जिन्होंने रक्षा क्षेत्र में भारत का नाम रौशन किया है.
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रक्षा क्षेत्र में भारतीय महिलाएं:
देश की रक्षा में भारतीय महिलाएं भी पुरुषों के साथ अपना अहम योगदान दे रही है. तीनों सेनाओं में महिला कर्मी सेवारत हैं, जिनमें से भारतीय सेना में सबसे अधिक महिलाएं अपनी सेवाएं दे रही है. चलिये मिलते है उन छः महिलाओं से जिन्होंने भारत का नाम रौशन किया है.
1. अवनि चतुर्वेदी
अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली तीन महिला फाइटर पायलटों में से एक हैं. चतुर्वेदी Su-30MKI पायलट हैं. चतुर्वेदी का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं की थी. उनके पास बनस्थली (विश्वविद्यालय) से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री है. उन्होंने पिछले साल जापान में हुई एरियल वॉर गेम में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला फाइटर पायलट बनी थी.
2. शालिजा धामी
भारतीय वायु सेना ने पश्चिमी क्षेत्र में फ्रंटलाइन लड़ाकू इकाई की कमान संभालने के लिए ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी को चुना था. इसके साथ ही वह फ्रंटलाइन IAF कॉम्बैट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला बनी थीं. धामी को 2003 में भारतीय वायुसेना में नियुक्त किया गया था.
3. शिवा चौहान
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी है. उन्हें जनवरी 2023 में तीन महीने के लिए सियाचिन में लगभग 15,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया था.
4. सुमन कुमारी
हाल ही में BSF की सब-इंस्पेक्टर सुमन कुमारी सीमा सुरक्षा बल की पहली महिला स्नाइपर बन गई हैं. सुमन ने इंदौर के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपंस एंड टैक्टिक्स (CSWT) में आठ सप्ताह का स्नाइपर कोर्स पूरा किया और 'प्रशिक्षक ग्रेड' हासिल किया.
5. दीपिका मिश्रा
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी द्वारा वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया था. वह वीरता पुरस्कार पाने वाली पहली महिला वायु सेना अधिकारी बनी थी. विंग कमांडर दीपिका मिश्रा एक प्रशिक्षित हेलीकॉप्टर पायलट, योग्य उड़ान प्रशिक्षक है.
6. प्रेरणा देवस्थली
लेफ्टिनेंट कमांडर प्रेरणा देवस्थली भारतीय नौसेना के युद्धपोत, विशेष रूप से भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े की कमान संभालने वाली भारतीय नौसेना में पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रचा था.
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