भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियां कौन-सी हैं, पढ़ें

वर्तमान में भारत के संविधान में 12 अनुसूचियां हैं, जो कि मूल रूप से आठ थीं। प्रथम संशोधन अधिनियम ने संविधान में 9वीं अनुसूची जोड़ी।  संविधान की छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और लद्दाख में जनजातीय क्षेत्र के प्रशासन के प्रावधानों से संबंधित है।

Feb 11, 2024, 20:53 IST
भारतीय संविधान
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35वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम ने 1974 में सिक्किम की "सहयोगी स्थिति" के संबंध में संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़ी। बाद में 36वें संशोधन अधिनियम ने सिक्किम को भारत के राज्य के रूप में स्वीकार किया। 52वें संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा "दल-बदल विरोधी" कानून के संदर्भ में एक नई 10वीं अनुसूची जोड़ी गई।

भारत के संविधान में निम्नलिखित अनुसूचियां हैं

 

पहली अनुसूची

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची

दूसरी अनुसूची

इसमें राष्ट्रपति,मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, लोक सभा के उपाध्यक्ष, राज्यों की परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और विधान सभा के अध्यक्ष और राज्य की विधान परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन के प्रावधान शामिल हैं। 

तीसरी अनुसूची

शपथ और प्रतिज्ञान के रूप

चौथी अनुसूची

भारत के प्रत्येक राज्य के लिए राज्यसभा में सीटें आवंटित करना

पांचवी अनुसूची

अनुसूचित क्षेत्रों एवं जनजातियों का प्रशासन एवं नियंत्रण

छठी अनुसूची

असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और लद्दाख में जनजातीय क्षेत्र के प्रशासन के लिए प्रावधान

सातवीं अनुसूची

संघ और राज्यों के बीच शक्तियों और कार्यों का आवंटन। इसमें 3 सूचियाँ हैं

-संघ सूची (केंद्रीय सरकार के लिए) 97 विषय।

-राज्यों की सूची (राज्य सरकार की शक्तियां) 66 विषय

-समवर्ती सूची (संघ एवं राज्य दोनों) 47 विषय।

आठवीं अनुसूची

-संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भारत की 22 भाषाओं की सूची

1.असमिया

2. बंगाली

3.गुजराती

 

4. हिंदी

5. कन्नडा

6.कश्मीरी

 

7. मणिपुरी

8.मलयालम

9.कोंकणी

 

10. मराठी

11. नेपाली

12.ओरिया

 

13. पंजाबी

14. संस्कृत

15. सिंधी

 

16. तामिल

17. तेलुगू

18. उर्दू

 

19. संथाली

20. बोडो

21.मैथिली

 

22. डोगरी

 

 

 


-सिंधी को 1967 में 21वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया

-कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को 1992 में 71वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया, संथाली, मैथिली, बोडो और डोगरी को 2003 में 92वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया।

नौवीं अनुसूची

-1951 में प्रथम संशोधन द्वारा जोड़ा गया। इसमें भूमि स्वामित्व, भूमि कर, रेलवे, उद्योगों से संबंधित अधिनियम और आदेश शामिल हैं। {संपत्ति का अधिकार, अभी मौलिक अधिकार नहीं है}

दसवीं अनुसूची

-1985 में 52वां संशोधन द्वारा जोड़ा गया। इसमें दलबदल के आधार पर अयोग्यता के प्रावधान शामिल हैं

ग्यारहवीं अनुसूची

-1992में 73वें संशोधन द्वारा। इसमें पंचायती राज के प्रावधान शामिल हैं।

बारहवीं अनुसूची

-1992 में 74वें संशोधन द्वारा। इसमें नगर निगम के प्रावधान शामिल हैं।

संविधान की नौवीं अनुसूची न्यायिक समीक्षा से परे है। इसका मतलब यह है कि सर्वोच्च न्यायालय को भी इस अनुसूची में रखे गए किसी भी विषय को रद्द करने का अधिकार नहीं है।

संविधान की नौवीं अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची है, जिन्हें अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती है। कुछ राजनीतिक दल आरक्षण को नौवीं अनुसूची में डालने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में 284 ऐसे कानून न्यायिक समीक्षा से बचे हुए हैं।

पढ़ेंः भारत के किस राज्य का कौन-सा जिला है सबसे बड़ा, जानें

 

 

 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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