भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां की अनूठी परंपराएं, सरस-संस्कृति, वेश-भूषा, खान-पान, भाषाएं और एतिहासिक स्थलों की कहानियां देश-विदेशों तक फैली हुई हैं। यही वजह है कि हर साल यहां पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी अपनी यादों के खाली पिटारे में भारत के अलग-अलग शहरों की यादों को भरकर ले जाते हैं।
भारत में प्रमुख रूप से मेलों का आयोजन भी किया जाता है, जो कि यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है। इस कड़ी में हम इस लेख के माध्यम से बिहार राज्य में लगने वाले प्रमुख मेलों के बारे में जानेंगे।
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क्या होता है मेला
सबसे पहले हम मेले के बारे में जान लेते हैं कि आखिर मेला होता क्या है। जब भी किसी एक स्थान पर धार्मिक, सामाजिक और व्यापारिक कारणों से लोग एकत्र होते हैं, तो उसे मेले का नाम दिया जाता है।
भारत में प्रमुख रूप से कुंभ का मेला लगता है, जो 12 सालों में एक बार गंगा नदी के किनारे हरिद्वार, त्रिवेणी संगम पर प्रयागराज, गोदावरी नदी के किनारे पर नासिक और शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में लगता है। इस मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं और आस्था की डुबकी लगाते हैं।
बिहार का सबसे बड़ा मेला
बिहार के सबसे बड़े मेले की बात करें, तो यह सोनपुर मेला है, जो कि कार्तिक पूर्णिमा पर सोनपुर में लगता है। यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। सोनपुर गंडक नदी के किनारे बसा हुआ है और जिस जगह पर इस मेले का आयोजन किया जाता है, वहां गंगा और गंडक नदी का संगम होता है।
इस मेले में प्रमुख रूप से पशुओं की खरीद-बिक्री होती है। ऐसे में इस पुश मेला भी कहा जाता है। वहीं, इस मेले को हरिहर क्षेत्र मेला और हाथी मेला के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मेले की शुरुआत चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में हुई थी। वहीं, पहले यह हाजीपुर में लगा करता था, लेकिन बाद में मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर इसे सोनपुर में लगाया जाने लगा।
बिहार में लगने वाले अन्य प्रमुख मेले
-पितृपक्ष मेला- गया
-वैशाली का मेला
-काकोलत मेला-नवादा
-बाबा ब्रह्मोश्वरनाथ मेला-ब्रह्मपुर, बक्सर
-मलमास मेला-राजगीर
-सबौर मेला-भागलपुर
-जानकरी नवमी का मेला-सीतामढ़ी
-सहोदरा मेला या थारू मेला-नरकटियागंज
-सिमरिया मेला-बरौनी
-बेतिया मेला-बेतिया
-मंदार मेला-बांका
-कालीदेवी का मेला-फारबिसगंज
-नंदनगढ़ मेला-पूर्णिया
-कोसी मेला-कटिहार
-कल्याणी मेला-कटिहार
-माघी मेला
-सौराठ मेला
-पुस्तक मेला-पटना
-झाझरकड महोत्सव-सासाराम
-हरदी मेला-मुजफ्फरपुर
-पापहरणी मेला-भागलपुर
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