भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न क्रांतियों का इतिहास देखने को मिलता है। इन क्रांतियों ने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से अपने कई प्रभाव छोड़े और भारत में नए युग की शुरुआत की।
कुछ इसी तरह के बदलाव हमें कृषि के क्षेत्र में भी देखने को मिलते हैं, जहां समय-समय पर अलग-अलग क्रांतियों ने विभिन्न फसलों को लेकर भारत में एक नए युग की शुरुआत की। इससे भारत कृषि के क्षेत्र में न सिर्फ आत्मनिर्भर बना, बल्कि विदेशों में भी अपनी फसलों की आपूर्ति करने में समर्थ हुआ। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत में कृषि के क्षेत्र में कौन-सी क्रांति किस फसल से संबंधित है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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भारत में कृषि की फसलें
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में कितने प्रकार की फसलें होती हैं, तो आपको बता दें कि भारत में कुल चार प्रकार की फसलें होती हैं। ये फसलें रबी, खरीब और जायद की फसलें होती हैं।
क्या होती है रबी की फसल
भारत में रबी की बुवाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। इस फसल को कम पानी और कम तापमान की आश्यकता होती है। इस फसल में सरसो, चना, मटर, गेहूं, राजमा, जौ, अलसी, मसूर और आलू की खेती शामिल है।
क्या होती है खरीफ फसल
अब सवाल है कि खरीफ फसल कौन-सी होती है, तो आपको बता दें कि खरीफ फसल की बुवाई जून-जुलाई के महीने में होती है। इसे अधिक तापमान और वर्षों की जरूरत होती है, जिसके बाद यह नवंबर से दिसंबर के बीच काटी जाती है। खरीफ की प्रमुख फसलों में धान, कपास, मक्का, बाजरा, ज्वार और तिल शामिल है।
क्या होती है जायद की फसल
भारत में तीसरी प्रकार की फसल जायद फसल होती है, जिसकी बुवाई मार्च-अप्रैल में की जाती है। इस फसल की कटाई जून से जुलाई के बीच होती है। इन फसलों में सब्जियां, भिंडी, तरबूज, ककड़ी और खरबूज शामिल है।
भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियां
क्रांति | फसल |
पीली क्रांति | तिलहन फसलें |
हरित क्रांति | अनाज |
गुलाबी क्रांति | झींगा उत्पादन और प्याज उत्पादन |
लाल क्रांति | मांस उत्पादन और टमाटर उत्पादन |
श्वेत क्रांति | दूध उत्पादन |
भूरी क्रांति | कोको और चमड़ा उत्पादन |
नीली क्रांति | मछली उप्तादन |
रजत क्रांति | अंडा उत्पादन |
ग्रे क्रांति | उर्वरक |
काली क्रांति | पेट्रोलियम उत्पाद |
गोल क्रांति | आलू |
सदाबहार क्रांति | संपूर्ण रूप से कृषि का उत्पादन |
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