बिहार देश के पूर्वी भाग में स्थित है और उत्तर से हिमालय और दक्षिण से पठार से घिरा है, जो कि यहां बहने वाली सभी नदी का स्रोत है। बिहार पूरी तरह से भूमि से घिरा हुआ राज्य है, फिर भी बिहार जल संसाधनों, जमीनी और सतही जल संसाधनों के लिए समृद्ध है।
बिहार की प्रमुख नदियां
बिहार का जल निकासी यहां के भूगौलिक स्तर की वजह से अलग है, जो कि जालीदार है।
गंगा
यह बिहार की प्रमुख नदी है, जो चौसा से राज्य में प्रवेश करती है और भोजपुर व सारण जिले की सीमा बनाती है।
सहायक नदियां: गंडक, बागमती, कोसी, काली, सोन, कर्मनाशा और पुनपुन
महात्मा गांधी सेतु उत्तर बिहार को शेष बिहार से जोड़ने के लिए बनाया गया था और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (NH19) का हिस्सा बनाया गया था।
घाघरा/सरयू
-यह नेपाल के नम्पा से निकलती है और गोपालगंज से बिहार में प्रवेश करती है व छपरा में जाकर गंगा नदी में मिल जाती है।
-यह हिंदू और बौद्ध दोनों के लिए एक पवित्र नदी है।
गंडक
-यह नेपाल के पास तिब्बत में धौलागिरी के उत्तर से निकलती है और नेपाल में त्रिवेणी शहर के पास भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है।
-यह दक्षिणी दिशा में बहती है और उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच एक सीमा बनाती है। यह बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण और वैशाली जिले में होकर गुजरती है।
-त्रिवेणी नहर को गंडक नदी से ही पानी मिलता है।
बूढ़ी गंडक
-यह सोमेश्वर पहाड़ियों से निकलती है और गंडक नदी के समानांतर बहती है और पश्चिम चंपारण जिले के बिसंभरपुर के पास चौतरवा चौर से बिहार में प्रवेश करती है।
-यह पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और बेगुसराय से होकर बहती है।
-यह खगड़िया में गंगा नदी में मिलती है।
बागमती
-यह नेपाल में शिवपुरी पर्वत शृंखला से निकलती है और सीतामढ़ी के शोरवतिया गांव में बिहार में प्रवेश करती है ।
-यह मुजफ्फरपुर, दरभंगा और समस्तीपुर से बहती है।
-यह बिहार की एक बारहमासी नदी है। लालबकेया और लाखेंदेई इसकी सहायक नदियां हैं।
-यह बदलाघाट में कोसी नदी से मिलती है।
कमला
-इसका उद्गम सिंधुलियागढ़ी के पास नेपाल में पहाड़ियों की महाभारत श्रृंखला से होता है।
-यह मधुबनी जिले के जयनगर शहर से बिहार में प्रवेश करती है। राज्य सरकार द्वारा जयनगर शहर के पास कमला बैराज का निर्माण भी कराया गया है।
-धौरी, सोनी, बलान और त्रिसुला इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
महानंदा
-इसकी उत्पत्ति होती है सिक्किम से और यह पूर्णिया से बिहार में प्रवेश करती है।
-यह अपने ऊपरी मार्ग में बंगाली और हिंदी भाषी क्षेत्र के बीच एक महत्वपूर्ण पूर्वी भाषाई सीमा बनाती है ।
-बालासोन, रतवा और कनकई इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
-यह बांग्लादेश के नवाबगंज जिले में गंगा में मिलती है ।
सोन
-यह मध्य प्रदेश में अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलती है और मनेर में गंगा से मिल जाती है।
-रिहंद और उत्तरी कोयल इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
-बाढ़ को रोकने के लिए डेहरी और इंद्रपुरी और एनीकट बैराज बनाया गया है।
कोसी
-इसे 'बिहार का शोक' भी कहा जाता है।
-इसकी सात ऊपरी सहायक नदियों के कारण इसे 'सप्तकोशी' भी कहा जाता है।
-यह नेपाल में हनुमान नगर के पास से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है और कटिहार जिले के कुर्सेला के पास गंगा नदी में मिल जाती है ।
पुनपुन
-यह हजारीबाग पठार से निकलती है और फतुहा के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
-मुख्य सहायक नदियां: दोरधा, बुटेन, मदार और मोरहर है।
-यह झारखंड के पलामू जिले से निकलती है और भारतीय राज्यों झारखंड और बिहार के चतरा, औरंगाबाद, गया और पटना जिलों से होकर बहती है।
-गया महात्म्य के संबंध में वायु और पद्म पुराण में नदी का उल्लेख पुन:-पुन: के रूप में किया गया है, जिसका पुन: पुन: संवादी रूप है।
फल्गु
-इस नदी का दूसरा नाम निरंजना नदी है।
-यह हिंदुओं और बौद्धों के लिए एक पवित्र नदी है। हिंदू मान्यता के अनुसार, पिंडदान या धार्मिक अनुष्ठान नदी के तट पर किया जाता है।
-मोहने नदी की मुख्य सहायक नदी है।
कर्मनाशा
-यह रोहतास पठार से निकलती है और लंबी दूरी तक उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा बनाती हुई चौसा के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
-मुख्य सहायक नदियां: दुर्गावती, चंद्रप्रभा, करुणुति, नदी और खजूरी
बिहार में नदियों का जलग्रहण क्षेत्र बड़ा है, क्योंकि ये मिट्टी के जमाव वाले क्षेत्र से होकर बहती है, जहां ढलान बहुत छोटा होती है, जिससे बड़े बाढ़ के मैदान बनते हैं। ये नदियां सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराती हैं और राज्य के लिए जल-विद्युत पैदा करने के लिए भी उपयोग की जाती हैं।
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