भारतीय रेलवे ने इस साल के अंत में रेलवे प्रगति को लेकर एक डेटा शेयर किया है, जहां रेलवे द्वारा हासिल की गयी अभूतपूर्व उपलब्धियों के बारें में विस्तार ने बताया गया गया है. बता दें कि केंद्रित प्रयासों, नवाचार और स्वदेशीकरण के दम पर भारतीय रेलवे तेज़ी से विश्व-स्तरीय नेटवर्क की ओर अग्रसर है। आम आदमी को केंद्र में रखकर वर्ष 2025 में रेलवे ने अपने विज़न को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। जैसे-जैसे वर्ष 2025 समाप्ति की ओर है, वैसे-वैसे भारतीय रेलवे नए साल 2026 में यात्रियों को और अधिक आरामदायक, सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से लैस रेल यात्रा देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वंदे भारत, अमृत भारत, हाई-स्पीड रेल, स्मार्ट स्टेशन और हरित ऊर्जा जैसे कदम भारतीय रेलवे को भविष्य के परिवहन तंत्र में बदल रहे हैं।
वंदे भारत और अमृत भारत जैसी एडवांस ट्रेनों का संचालन
बता दें कि 26 दिसंबर 2025 तक भारतीय रेलवे नेटवर्क पर 164 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं। वहीं वर्ष 2025 में 15 नई वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की गईं।
जल्द ही पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू की जाएगी, जो एसी श्रेणी में लंबी दूरी की रात की यात्राओं को नया रूप देगी। ये ट्रेनें गति, आराम और आधुनिक तकनीक का बेहतरीन संगम होंगी।
अमृत भारत ट्रेनें (नॉन-एसी):
अमृत भारत ट्रेनें, जो पूरी तरह नॉन-एसी श्रेणी की हैं, यात्रियों को किफायती और आरामदायक यात्रा का बेहतर अनुभव प्रदान कर रही हैं। इन ट्रेनों में 12 स्लीपर और 8 जनरल कोच होते हैं, जिन्हें आधुनिक सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। वर्ष 2025 में 13 नई अमृत भारत ट्रेनें शुरू की गईं, जबकि वर्तमान में भारतीय रेलवे नेटवर्क पर कुल 30 अमृत भारत ट्रेनें सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं।
नमो भारत रैपिड रेल
नमो भारत रैपिड रेल कम और मध्यम दूरी के लिए हाई-फ्रिक्वेंसी सेवाएं प्रदान कर रही है। भुज–अहमदाबाद और जयनगर–पटना के बीच 2 सेवाएं संचालित है, जो उच्च मांग वाले कॉरिडोर में आवागमन को आसान बना रही हैं।
विश्व-स्तरीय स्टेशन और यात्री सुविधाएं
विश्व-स्तरीय स्टेशन और यात्री सुविधाएं के तहत पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन अब हवाई अड्डों जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जा रहे हैं। इन स्टेशनों पर चौड़े और आकर्षक प्रवेश द्वार, एस्केलेटर, लिफ्ट, फूड कोर्ट, आधुनिक शौचालय और अत्याधुनिक प्रतीक्षा कक्ष उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशनों पर ब्रांडेड भोजन और पेय पदार्थों के कई विकल्प भी प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे यात्रा अनुभव और अधिक आरामदायक बन सके।
कश्मीर को सभी मौसमों में रेल संपर्क:
यूएसबीआरएल परियोजना के तहत 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक वर्ष 2025 में शुरू हुई, जिससे कश्मीर को सभी मौसमों में रेल संपर्क मिला। इस परियोजना में 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं, जिनमें विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे मेहराबदार चेनाब ब्रिज, भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे पुल अंजी ब्रिज और देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग टी-50 जैसी ऐतिहासिक इंजीनियरिंग उपलब्धियां शामिल हैं।
विशेष रेल सेवाएं: भीड़ प्रबंधन में रिकॉर्ड
रेलवे द्वारा दिए गए आकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में 43,000 से अधिक विशेष रेल यात्राएं संचालित की गयी।
| अवसर | विशेष रेल यात्राएं |
| महाकुंभ | 17,340 |
| छठ पूजा | 12,383 |
| ग्रीष्मकालीन विशेष | 12,417 |
| होली | 1,144 |
| कुल (वर्ष 2025 में) | 43,000 से अधिक |
रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक प्रगति:
नई पटरियां और नवीनीकरण (2025):
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900 किमी से अधिक नई रेल लाइनें चालू।
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6,880 किमी पटरियों का नवीनीकरण।
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7,051 किमी पूर्ण नवीनीकरण।
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9,277 थ्रू टर्नआउट बदले गए।
2014–25 में उपलब्धि:
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कुल 34,428 किमी नई पटरी, औसत गति 8.57 किमी/दिन
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2009–14 की तुलना में दोगुनी से अधिक रफ्तार।
विद्युतीकरण में भारत अग्रणी
विद्युतीकरण के क्षेत्र में भारत अग्रणी बनकर उभरा है। भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज नेटवर्क का 99.2% विद्युतीकरण पूरा हो चुका है, जबकि 14 रेलवे ज़ोन और 25 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह यानी 100% विद्युतीकृत हो चुके हैं। यह उपलब्धि रेलवे विद्युतीकरण के मामले में ब्रिटेन, रूस और चीन जैसे देशों से भी कहीं आगे भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाती है।
सुरक्षा में बड़ी छलांग
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ट्रेन दुर्घटनाएं:
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2004–14: 1,711
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2024–25: 31
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2025–26 (नवंबर तक): सिर्फ 11
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सुरक्षा बजट बढ़कर ₹1.16 लाख करोड़।
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कोहरे से सुरक्षा उपकरण: 90 से बढ़कर 25,939।
ग्रीन रेलवे: सौर ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण
वर्त्तमान में 2,626 स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित किये जा रहे है जो ग्रीन रेलवे की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं कुल 898 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित की गयी है, जिसके चलते बिजली खर्च में कमी और कार्बन उत्सर्जन में भारी गिरावट देखने को मिली है।
आइजोल पहली बार रेल मैप पर:
पूर्वोत्तर में रेल संपर्क को मजबूती देते हुए मिजोरम की 51 किलोमीटर लंबी बैराबी–सैरांग ब्रॉडगेज रेल लाइन का उद्घाटन सितंबर 2025 में किया गया। इस परियोजना के पूरा होने से आइजोल पहली बार देश के रेल मानचित्र से जुड़ा, जिससे राज्य को ऐतिहासिक रेल कनेक्टिविटी मिली। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र से गुजरने वाली इस लाइन में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल शामिल हैं, जो अद्भुत इंजीनियरिंग का उदाहरण है। वहीं पहली बार रेल से मिजोरम तक कारों की आपूर्ति, गुवाहाटी से सैरांग तक 119 कारें पहुंचाईं।
बढ़ी है डिजिटल सुविधाएं
रेलवे द्वारा जारी किये गए आकड़ों की मानें तो 6,117 स्टेशनों पर मुफ्त Wi-Fi की सुविधा मिल रही है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन)
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कुल लंबाई: 508 किमी
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भौतिक प्रगति: 55.63%
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वित्तीय प्रगति: 69.62%
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412 किमी नींव और 330 किमी गर्डर लॉन्चिंग पूरी।
भारतीय रेलवे केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत, ग्रीन एनर्जी और विश्व-स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत उदाहरण बन चुका है। वर्ष 2026 में रेलवे यात्रियों को तेज़, सुरक्षित, आरामदायक और आधुनिक रेल अनुभव देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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