यह साल का वह समय है जब खेल और उन हस्तियों का हम जश्न मनाते हैं जिन्होंने हमारे देश को गौरवान्वित किया है.
राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. यह दिन हमारे जीवन में खेलों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है.
खेलों पर आधारित फिल्में और बायोपिक हमेशा खास, दिल को छू लेने वाली होती हैं, लेकिन सबसे बढ़कर, प्रेरणादायक होती हैं. ये फिल्में उन खिलाड़ियों के संघर्ष, बलिदान और दृढ़ संकल्प के बारे में हैं जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ थे.
आइए राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारतीय खेल हस्तियों के बारे में बनाई गई कुछ बेहतरीन बायोपिक्स पर एक नज़र डालते हैं.
1. सूरमा (Soorma, 2018)
सूरमा भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी और ओलंपियन संदीप सिंह पर एक बायोपिक है, जो गलती से एक गोली लगने से लकवाग्रस्त हो गए थे. फिल्म में दिलजीत दोसांझ एक हॉकी खिलाड़ी की मुख्य भूमिका निभाते हैं. वह लकवाग्रस्त होने के बाद भी खेल में वापसी करने का फैसला करते हैं और भारतीय टीम को जीत की ओर ले जाने के लिए अपनी विकलांगता पर काबू पाते हैं.
2. एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी (MS Dhoni The Untold Story, 2016)
नीरज पांडेय द्वारा निर्देशित एम एस धोनी फिल्म भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर आधारित है. फिल्म में धोनी की भूमिका दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने निभाई थी. फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत की एक्टिंग की दुनियाभर में तारीफ हुई थी. यह एस एस आर का कार्य था जिसने फिल्म को यादगार बना दिया, और उनके द्वारा किया गया हेलीकॉप्टर शॉट भुलाया नहीं जा सकता है.
3. दंगल (Dangal, 2016)
अब तक की सबसे लोकप्रिय स्पोर्ट्स बायोपिक्स में से एक, दंगल ने फोगट बहनों की कहानी का अनुसरण किया और कैसे उन्होंने एक कठिन लड़ाई के बाद जीत हासिल की.
आमिर खान, फातिमा सना शेख, ज़ायरा वसीम और सान्या मल्होत्रा की मुख्य भूमिकाओं वाली दंगल ने दर्शकों को कुश्ती के खेल को समझाने में बहुत अच्छा काम किया और पिता-पुत्रियों की कहानी का एक आकर्षक वर्णन प्रदान किया. ऐसा यह फिल्म उनके बचपन से वयस्कता तक के सफर और भारत की पहली महिला पहलवान बनने की उनकी यात्रा को दर्शाती है.
4. मैरी कॉम (Mary Kom, 2014)
मैरी कॉम एक भारतीय बॉक्सर के जीवन पर आधारित है जिसका नाम मैरी कॉम ही है. यह 2008 में निंगबो (Ningbo) में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में उनकी जीत के लिए एक मुक्केबाज बनने की उनकी यात्रा का वर्णन करती है.
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक गरीब चावल की खेती करने वाले किसान की बेटी अपने पिता की आपत्तियों और बॉक्सिंग में करियर बनाने के लिए पुरुष-प्रधान समाज की मांगों पर काबू पाती है. इसमें कलाकार: प्रियंका चोपड़ा जोनास, दर्शन कुमार, सुनील थापा हैं.
5. भाग मिल्खा भाग (Bhaag Milkha Bhaag, 2013)
भाग मिल्खा भाग फिल्म राष्ट्रमंडल खेलों और कई एशियाई खेलों के पदक विजेता भारतीय धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित है.
बायोपिक में मिल्खा सिंह जीवन में अपने शुरुआती संघर्षों से लेकर विश्व चैंपियन बनने तक, वे अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं से अथक संघर्ष करते हुए गौरव की ओर बढ़ते हैं.
6. पान सिंह तोमर (Paan Singh Tomar , 2012)
पान सिंह तोमर में अभिनेता इरफान खान है. यह फिल्म न केवल सर्वश्रेष्ठ खेल बायोपिकों में से एक है बल्कि हिंदी सिनेमा में कई सर्वश्रेष्ठ जीवनीयों में से एक पर आधारित है.
तिग्मांशु धूलिया (Tigmanshu Dhulia) द्वारा निर्देशित, पान सिंह तोमर एक स्टीपलचेज़ (Steeplechase) एथलीट की कहानी है, जो एक विवाद के बाद डकैत बन जाता है. सात साल के स्टीपलचेज़ राष्ट्रीय चैंपियन और 10 साल के रिकॉर्ड के धारक बनने के बाद, उनके गांव में विवाद बढ़ गए और पान सिंह तोमर कुख्यात डकैत बन जाते हैं.
7. चक दे! इंडिया (Chak De! India, 2007)
चक दे इंडिया कबीर खान (शाहरुख खान) के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है. भारतीय महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम के कोच कबीर खान का सपना है कि लड़कियों की टीम सभी बाधाओं के बाद भी विजयी हो. यह फिल्म आशा, साहस, एकता, अखंडता और सपनों की कहानी है.
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