भारत का राष्ट्रीय वृक्ष कौन-सा है, यहां पढ़ें

भारत में राष्ट्रीय पशुओं व प्रतीक चिह्नों के साथ राष्ट्रीय वृक्ष भी है। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी है।

Dec 20, 2024, 19:29 IST
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष

दुनिया के किसी भी देश में वहां का राष्ट्रीय वृक्ष गौरव के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यह राष्ट्र की पहचान का अभिन्न अंग भी होता है। भारत का भी अपना राष्ट्रीय वृक्ष है, जो कि हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इस लेख में हम भारत के राष्ट्रीय वृक्ष के बारे में जानेंगे।

यदि आप किसी राज्य या केंद्रीय स्तरीय परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए आपके लिए अधिक उपयोगी है। क्योंकि, परीक्षाओं में राष्ट्रीय वृक्ष से भी जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। 

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष कौन-सा है

भारतीय अंजीर का पेड़, जिसे बरगद का पेड़ ( फिकस बंगालेंसिस) भी कहा जाता है, भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है। इसकी शाखाएं एक बड़े क्षेत्र में नए पेड़ों की तरह जड़ें जमा लेती हैं। हिंदू धर्म में इस पेड़ को अधिक पवित्र माना जाता है। इसकी तने और जड़े बाद में अधिक शाखाओं को जन्म देती हैं। इस वृक्ष की दीर्घायु के कारण यह वृक्ष अमर भी माना जाता है। इसे दीर्घायु का वृक्ष भी कहा जाता है।

किंवदंतियों का है अभिन्न अंग 

यह वृक्ष भारत के मिथकों और किंवदंतियों का एक अभिन्न अंग भी है। इस वृक्ष को प्रायः पौराणिक 'कल्प वृक्ष' या 'इच्छा पूर्ति का वृक्ष' का प्रतीक माना गया है। क्योंकि, यह दीर्घायु से जुड़ा है। साथ ही, इसमें महत्त्वपूर्ण औषधीय गुण होते हैं। 

ग्रामीण समुदाय का केंद्रीय बिंदु

इसमें कोई दो राय नहीं है कि सदियों से यह वृक्ष भारत के ग्रामीण समुदायों का केंद्र रहा है। आज भी यदि आप किसी गांव में पहुंचेंगे, तो वहां बरगद का पेड़ गांव के जीवन के केंद्र रूप में पाएंगे। आज भी गांव की चौपालें और परिषद इसी पेड़ की छाया में बैठती हैं। 

भारत के राष्ट्रीय वृक्ष से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य

साम्राज्य         प्लांटी

विभाजन      मैग्नोलियोफाइटा

वर्ग                मैग्नोलिपोसिडा 

ऑर्डर          अर्टिकेल्स

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जाति            फिकस

प्रजाति         फिकस बेंघालेंसिस

राष्ट्रीय वृक्ष का महत्त्व

भारत में हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ का विशेष स्थान है। इसे "अश्वत्थ वृक्ष " ("मैं पेड़ों के बीच बरगद का पेड़ हूं" - भगवद गीता) कहा जाता है। इसकी शाखाएं सदैव फैलती रहती हैं। वहीं, इसे कल्पवृक्ष भी कहा जाता है, जिसका अर्थ इच्छाओं को पूरी करने से है।

आपको बता दें कि बरगद इंडोनेशिया का राजचिह्न भी है। ब्रायन एल्डिस ने अपने उपन्यास हॉटहाउस में भविष्य की पृथ्वी का वर्णन किया है, जहां एक विशाल बरगद का पेड़ पृथ्वी के आधे हिस्से को कवर करता है।

यहां दिलचस्प बात एक यह भी है कि भारत में अब तक का सबसे बड़ा पेड़ कोलकाता में पाया गया है, जो कि 1873 में हवाई के लाहैना कोर्टहाउस स्क्वायर में लगाया गया था। इतने वर्षों में यह पेड़ फैलकर  दो-तिहाई एकड़ क्षेत्र को कवर कर चुका है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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