New SIM Card Rules: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने हाल ही में दूरसंचार विभाग (DoT) को एक अहम निर्देश जारी किया है, जिसके तहत अब हर नए सिम कार्ड के लिए आधार (Aadhar) आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है. यह फैसला बढ़ते सिम कार्ड फ्रॉड और साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए लिया गया है.
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पहले कैसे मिलता था सिम कार्ड?
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले लोग वोटर आईडी, पासपोर्ट या अन्य सरकारी पहचान पत्र दिखाकर नया सिम कार्ड ले सकते थे. लेकिन अब सिर्फ दस्तावेज देना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि आधार-बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है.
साइबर क्राइम पर कड़ा शिकंजा:
यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि फर्जी दस्तावेजों से लिए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल वित्तीय घोटालों और साइबर अपराधों में किया जा रहा था. जांच में पाया गया कि कई बार एक ही डिवाइस पर दर्जनों सिम कार्ड एक्टिव पाए गए, जिससे फ्रॉड और साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा था.
क्या है नई गाइडलाइंस:
- रिपोर्ट के अनुसार, हर नए मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार के जरिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा.
- सिम कार्ड खरीदने के लिए ग्राहक की 10 अलग-अलग एंगल से फोटो खींची जाएगी.
- DoT अब किसी व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर किए गए सभी सिम कार्ड्स को ट्रैक करेगा.
- एक ही डिवाइस पर कई सिम कार्ड एक्टिव होने की जांच की जाएगी ताकि फर्जी कनेक्शनों की पहचान हो सके.
AI तकनीक से होगी धोखाधड़ी की पहचान:
सरकार ने निर्देश दिया है कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से फर्जी सिम कार्ड उपयोगकर्ताओं की पहचान की जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी.
नियम तोड़ने पर क्या है सजा:
- जो खुदरा विक्रेता (retailers) बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के सिम बेचेंगे, उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.
- ऐसे रिटेलर्स पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें सिम कार्ड बेचने से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.
नए नियमों से क्या होगा फायदा?
साइबर अपराधों में कमी आएगी.
फर्जी दस्तावेजों के जरिए लिए गए मोबाइल कनेक्शनों पर रोक लगेगी.
देशभर में सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा.
प्रत्येक व्यक्ति के नाम पर एक्टिव सिम कार्ड्स की ट्रैकिंग होगी, जिससे फर्जी पहचान का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा.
ऑनलाइन फ्रॉड पर लगेगी लगाम:
सरकार के इस नए फैसले से मोबाइल सिम कार्ड फ्रॉड पर लगाम लगेगी और साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा. आधार-बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जी सिम कार्ड के जरिए किए जाने वाले घोटालों और ऑनलाइन फ्रॉड पर प्रभावी रोक लगने की उम्मीद है.
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