Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला पूरे 144 साल बाद हो रहा है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। मेले का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। ऐसे में प्रशासन की ओर से मेले को लेकर विशेष तैयारी की गई है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस लेख में हम महाकुंभ से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानेंगे।
144 साल में एक बार मेला
इस बार का महाकुंभ पूर्ण कुंभ नहीं, बल्कि महाकुंभ है। पूर्ण कुंभ 12 साल में एक बार होता है, वहीं, 12 पूर्ण कुंभ होने पर महाकुंभ का संयोग बनता है। ऐसे में इस बार का कुंभ मेला 144 साल में हो रहा है।
4000 हेक्टेयर भूमि पर फैला है महाकुंभ
महाकुंभ का आयोजन इस बार 4000 हेक्टेयर भूमि पर किया जा रहा है। इस पूरे क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा गया है। वहीं, प्रशासन की ओर से मेला क्षेत्र को 76वां जिला भी घोषित किया गया है।
बनाए गए हैं 41 घाट
मेला क्षेत्र में आस्था की डुबकी के लिए कुल 41 घाट बनाए गए हैं। इसमें 10 पक्के घाट बनाए गए हैं, जबकि 31 अस्थायी घाट बनाए गए हैं। हालांकि, इनमें सबसे प्रमुख त्रिवेणी घाट है, जिसे संगम घाट भी कहा जाता है। इस घाट पर गंगा, यमुना और सरस्वती(अदृश्य) का संगम होता है।
महाकुंभ में मौजूद हैं 13 अखाड़े
महाकुंभ मेले में इस समय विभिन्न अखाड़ों से साधु-संत पहुंचे हैं। वर्तमान में कुल 13 अखाड़े हैं, जिनमें सात अखाड़े शैव श्रेणी के हैं। इस श्रेणी के संत भगवान शिव की पूजा करते हैं। वहीं, 3 अखाड़े वैष्णव श्रेणी के हैं, जिसमें भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजी की जाती है। इसके अतिरिक्त 3 अखाड़े उदासीन श्रेणी के हैं, जिसमें ऊं को पूजा जाता है।
300 गोताखोर रहेंगे तैनात
महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालओं की सुरक्षा को देखते हुए घाटों पर कुल 300 गोताखोरों को तैनात किया गया है। ये गोताखोर घाटों पर कड़ी नजर रखेंगे, जिससे कोई भी श्रद्धालु पानी में नहीं डूबे। इसके लिए प्रत्येक घाट पर गोताखोरों की तैनाती की गई है।
15 हजार पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात
मेले में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए 15 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। साथ ही, 102 पुलिस चौकियां और 113 ड्रोन निगरानी पर लगाए गए हैं। इनके अतिरिक्त मेले में NSG और स्तरीय सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है। ऐसे में यह जमीन से लेकर आसमां तक कड़ा पहरा रहेगा।
मेले में लगे हैं 50 हजार क्यूआर कोड
महाकुंभ मेले में कुल 50 हजार क्यूआर कोड लगे हैं। इन क्यूआर कोड को बिजली के खंभों पर दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति को मेले में बिजली की शिकायत होती है, तो वह इस क्यूआर कोड के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। इससे सही लोकेशन का पता करने में आसानिी होगी। क्यूआर कोड स्कैन कर यहां मौजूद श्रद्धालु राज्य के बिजली विभाग को बिजली से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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