भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां की सांस्कृतिक विरासत और अनूठी परंपराएं इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं। भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें राजा-महाराजाओं के जमाने से ही जेलों का इतिहास देखने को मिलता है। हालांकि, जेलों को आधुनिक रूप ब्रिटिश समय के दौरान मिला।
वर्तमान में भारत में कई बड़ी-बड़ी जेल हैं, जिनमें कुख्यात अपराधियों को रखा जाता है। कुछ जेल, तो अपने कठोरावास के लिए भी मशहूर हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे पुरानी जेल कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत की सबसे पुरानी जेल
भारत की बसे पुरानी जेल की बात करें, तो यह डगशाई जेल है। यह जेल ब्रिटिश युग की है, जो कि वर्तमान में संग्रहालय का रूप ले चुकी है।
क्या है जेल का इतिहास
डगशाई जेल 1849 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बनाई गई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों को सैन्य अपराधों के लिए दंडित करना था। यदि डगशाई के अर्थ की बात करें, तो यह डग-ए-शाही से जुड़ा हुआ है, जिसका मतलब शाही चिह्न होता है। उस दौरान यहां रहने वाले कैदियों को उनके माथे पर एक विशेष प्रकार का चिह्न दिया जाता था, जिससे उनकी पहचान होती थी।
5600 फीट की ऊंचाई पर है जेल
इस जेल का निर्माण करीब 5600 फीट की ऊंचाई पर किया गया है। जेल की दीवारों को बड़े-बड़े पत्थरों से बनाया गया था, जिससे कोई भी अपराधी यहां से निकलकर भाग न सके।
जेल में मौजूद है कालकोठरी
इस जेल में 54 कोठरियां थीं, जिनमें से 16 कालकोठरी थीं। इन कालकोठरियों का आकार बहुत छोटा था, लेकिन छतें काफी ऊंची थीं। इन कोठरियों में अपराधियों को यातनाएं दी जाती थीं।
जेल में मौजूद है अंधेरी कोठरी
इसी जेल में एक अंधेरी कोठरी भी हुआ करती थी। यहां रहने वाले कैदी को बिना पानी और खाने के पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाता था, जिससे उसे मानसिक यातना मिले।
स्वतंत्रता संग्राम के कैदियों को यहां हुई थी जेल
आपको बता दें कि इस जेल में स्वतंत्रता संग्राम के कई कैदियों को रखा गया था। वहीं, गदर पार्टी के कुछ क्रांतिकारियों को यहां फांसी भी दी गई थी।
आज संग्रहालय बन चुकी है जेल
आज इस जेल को संग्राहलय बना दिया गया है। अब यहां पर्यटक टिकट लेकर जेल को देखने को साथ यहां होने वाली क्रूरता की कहानी को भी पढ़ सकते हैं।
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