हाल ही में केंद्र द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों को 'निष्प्रभावी' करने के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य विधानसभा में विधेयकों को पास किया है. राजस्थान में पेश किए गए विधेयक पंजाब राज्य द्वारा पारित संशोधन बिल के समान हैं.
केंद्र सरकार के तीन कृषि विधेयक इस प्रकार हैं:
1. कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 (The Farmers’ Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020).
2. मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध विधेयक 2020 (The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Bill, 2020).
3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 (Essential Commodities (Amendment) Bill 2020).
राजस्थान सरकार द्वारा पास किये गए बिल इस प्रकार हैं:
1. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
2. कृषि (स्श्क्तिक्रण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
3. आवश्यक वास्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020
4. सिविल प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक 2020
यहीं आपको बता दें कि ये विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही कानून बनेंगे.
आइये इन बिलों के बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं:
1. कृषि (स्श्क्तिक्रण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services (Rajasthan Amendment) Bill, 2020
विधेयक में कहा गया है कि "फसल की बिक्री या खरीद के लिए कोई भी कृषि समझौता तब तक मान्य नहीं होगा जब तक कि कृषि उपज के लिए भुगतान की गई कीमत केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रचलित MSP के बराबर या उससे अधिक न हो".
केंद्रीय अधिनियम में कहा गया है कि एक कृषि समझौते का पालन करते हुए, उक्त कृषि उपज को किसी भी राज्य अधिनियम से छूट दी गई है. राजस्थान सरकार, हालांकि, APMC अधिनियम के तहत उत्पादन के लिए एक शुल्क या उपकर लगाने और किसानों के कल्याण के लिए इसका उपयोग करना चाहती है. बिल में कहा गया है कि शुल्क या उपकर का बोझ किसान पर हस्तांतरित नहीं किया जाएगा.
2. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 (Farmers Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) (Rajasthan Amendment) Bill, 2020.
विधेयक में व्यापारियों को दंडित करने का प्रावधान दिया गया है, यदि वे किसानों को परेशान करते हैं, 3-7 साल की सजा या 5 लाख रुपये का न्यूनतम जुर्माना, या दोनों होगा. यानी इसमें किसानों के उत्पीड़न के लिए तीन से सात साल की कैद के साथ-साथ जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है.
विधेयक के अनुसार, उत्पीड़न को तब माना जाएगा जब व्यापारी कृषि उपज की डिलीवरी को स्वीकार नहीं करता है, या किसान की समझौते की शर्तों के अनुसार डिलीवरी को स्वीकार कर लिया हो, लेकिन माल की डिलीवरी की तारीख से तीन दिन के भीतर भुगतान नहीं किया हो, या फिर जो भी जो भी पहले.
केंद्रीय कानून ने किसानों के उत्पाद क्षेत्र में किसी भी किसान या व्यापारी या इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पर "बाजार शुल्क या उपकर या लेवी" लगाने पर रोक लगा दी है.
राजस्थान विधेयक राज्य को "कॉर्पोरेट या व्यापारी द्वारा लाए या खरीदे या बेचे गए" कृषि उपज पर शुल्क / उपकर इत्यादि लगाने की अनुमति देता है, और फिर इसका कल्याण करने के लिए विभिन्न माध्यमों से किसानों को वापस दे देता है.
3. आवश्यक वास्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 (Essential Commodities (Special Provisions and Rajasthan Amendment) Bill 2020).
तीसरे विधेयक में उपभोक्ताओं को कृषि उपज की जमाखोरी और कालाबाजारी से बचाने और किसानों के हितों को सुरक्षित रखने का प्रावधान है. केंद्रीय अधिनियम के विपरीत जिसने कृषि वस्तुओं के स्टॉक पर सीलिंग को हटा दिया था, बिल ने राज्य सरकार को उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को विनियमित करने और असाधारण परिस्थितियों में स्टॉक सीमा को लागू करने के लिए अधिकार देने का प्रयास करता है.
4. सिविल प्रक्रिया संहिता संशोधन विधेयक 2020 (The Code of Civil Procedure (Rajasthan amendment) 2020)
केंद्रीय अधिनियम 1908 की धारा 60 में संशोधन करता है और 5 एकड़ तक के ऋणी किसान की जमीन की कुर्की या बिक्री पर रोक लगाता है. किसानों की संपत्ति जैसे पशु, गौशाला, इत्यादि को कुर्की से छूट दी जाएगी.
तो ये थे राजस्थान के फार्म बिल जिन्हें राज्य विधान सभा में पास कर दिया गया है लेकिन अभी ये कानून नहीं बने हैं.
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