चंद्रमा और तारों के उदय की खगोलीय घटनाएँ सदियों से मानवता को आकर्षित किया है. इस प्रकार की खगोलीय घटनाएँ तारे देखने वालों और खगोलविदों को समान रूप से आकर्षित किया करती है और इनका विभिन्न धर्मों में अपना अलग-अलग महत्व है. चाँद और तारों का नियमित चक्र दुनिया भर में कई सांस्कृतिक, कृषि और आध्यात्मिक प्रथाओं के मार्गदर्शक बने हुए है. ऐसे में चाँद के निकलने का सटीक समय हमें पता होना चाहिए, चाहे वह कोई त्योहार हो, कोई धार्मिक अनुष्ठान हो.
हालाँकि आधुनिक दुनिया घड़ियों और डिजिटल प्रणालियों पर चलती है, लेकिन अभी भी चाँद और सितारों की प्राकृतिक लय जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
ऐसे ही हिंदू धर्म में भी इसकी अपनी अलग मान्यता है, जो अहोई अष्टमी व्रत (ahoi ashtami vrat 2024) के रूप में मनाया जाता है. इसके तहत तारों के निकलने के समय ने अनुसार कई धार्मिक अनुष्ठान किये जाते है.
चंद्रमा और तारे के उदय का क्या है महत्व:
चंद्रमा और तारों के उदय से दुनिया भर की सभ्यताएं और समुदायों जुड़े हुए है. इनकी दिशा और गति धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर वैज्ञानिक अन्वेषणों तक सबको प्रभावित किया है. बताते चलें कि तारे के उदय के समय को समझने से न केवल हमारा गया बढ़ता है बल्कि व्यावहारिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उद्देश्य भी पूरे होते हैं.
दुनिया के कई हिस्सों में, पारंपरिक किसान अभी भी अपनी कृषि गतिविधियों की योजना बनाने के लिए चंद्रमा के विभिन्न फेज पर निर्भर हैं. माना जाता है कि चंद्रमा के बढ़ने और घटने से फसलों की वृद्धि और यहां तक कि मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है.
आपके शहर में कब निकलेगा तारा:
तारों के उदय का समय आपकी भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है, यहां प्रमुख भारतीय शहरों में तारे के उदय का अनुमानित समय दिया गया है ताकि आप अपनी पूजा का समय सही से निर्धारित कर सके.
शहर | तारे के उदय समय |
दिल्ली | शाम 6:15 बजे |
मुंबई | शाम 6:30 बजे |
कोलकाता | शाम 5:45 बजे |
चेन्नई | शाम 6:00 बजे |
बेंगलुरु | शाम 6:15 बजे |
हैदराबाद | शाम 6:30 बजे |
जयपुर | शाम 6:00 बजे |
लखनऊ | शाम 6:15 बजे |
पुणे | शाम 6:30 बजे |
अहमदाबाद | शाम 6:45 बजे |
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