उत्तर प्रदेश भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है, जो कि भौगलिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। भारत का यह राज्य सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। इसके साथ ही साल 2011 की जनसंख्या के मुताबिक, उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है।
जैसे कि हम जानते हैं कि भारत में गन्ने की खेती के लिए प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश राज्य जाना जाता है। इस राज्य में विभिन्न शहरों में गन्ने की खेती जाती है, जिससे चीनी तैयार की जाती है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा शहर चीनी के कटोरे के रूप में जाना जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश में कितने जिले और कितने मंडल
सबसे पहले, तो हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में कुल कितने जिले और कितने मंडल हैं। भौगोलिक दृष्टि से भारत के इस चौथे सबसे बड़े राज्य में कुल 75 जिले और 18 मंडल हैं। ऐसे में भारत का यह राज्य सबसे अधिक जिले वाला राज्य है।
उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला चीनी का कटोरा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य देशभर में चीनी का कटोरा के रूप में जाना जाता है। वहीं, इस राज्य का लखीमपुर खीरी जिला भी चीनी का कटोरा के रूप में जाना जाता है।
क्यों कहलाता है चीनी का कटोरा
अब सवाल यह है कि आखिर उत्तर प्रदेश का यह जिला ही चीनी का कटोरा क्यों कहलाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जिलों में गन्ने की खेती होती है, जिसे बाद में मिलों में भेजकर चीनी का उत्पादन किया जाता है।
इस वजह से समय-समय पर कई जिलों को चीनी का कटोरा भी कहा गया है। उदाहरण के तौर पर एक समय पर देवरिया जिले को चीनी का कटोरा कहा जाता था, लेकिन बाद में यहां पर चीनी मिलों की संख्या कम हो गई।
आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले में कुल 9 चीनी की मिले हैं। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत प्रदेश के अन्य जिलों में गन्ना उत्पादन के बाद बड़ी संख्या में यहां गन्ने को चीनी की मिलों में भेजा जाता है, जिससे चीनी तैयार की जाती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के इस जिले को हम चीनी के कटोरे के रूप में भी जानते हैं।
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