अगर भाखड़ा नांगल बांध टूट जाए तो भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा?

Aug 10, 2018, 13:30 IST

भाखड़ा नांगल बांध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर बनाया गया है और ये भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है. टिहरी बांध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है. इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भाखड़ा नांगल बांध किसी कारणवश टूट जाए तो क्या हगा, इससे भारत पर क्या असर पड़ेगा? आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

What if Bhakra Nangal Dam collapse?
What if Bhakra Nangal Dam collapse?

भाखड़ा नांगल बांध भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना में से एक है, जिसका उद्देश्य सिंचाई और बिजली का उत्पादन करना है. यह बांध हिमाचल प्रदेश के सतलुज नदी पर बनाया गया है. ये टिहरी बांध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है. क्या आप जानते हैं कि ये राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की एक संयुक्त परियोजना है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भाखड़ा नांगल बांध किसी कारणवश टूट जाए तो क्या हगा, इससे भारत पर क्या असर पड़ेगा? आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

सबसे पहले भाखड़ा नांगल बांध के बारे में अध्ययन करते हैं

भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण कार्य 1948 में शुरू हुआ था और और अमेरिकी बांध निर्माता हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में 1962 में इसका निर्माण पूरा हुआ. हम आपको बता दें कि 22 अक्टूबर 1963 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू ने इस बांध का उद्घाटन किया था और 1970 से इसका पूर्ण रूप से उपयोग किया जाने लगा. इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है.

क्या आप जानते हैं कि भाखड़ा और नांगल दोनों अलग-अलग बांध हैं लेकिन एक ही परियोजना से जुड़े हुए हैं. ये दोनों पंजाब और हिमाचल के बॉर्डर पर बने हुए हैं. भाखड़ा बांध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में सतलज नदी पर जबकी नांगल बांध इससे 10 किलोमीटर की दूरी पर पंजाब के नांगल में बनाया गया है.

Bhakra Dam

Source: www.wn.com

भाखड़ा बांध 226 मीटर ऊँचा जबकि इसकी दीवार 520 मी लम्बी है और इस दीवार की मोटाई 9.1 मी है. इस पूरे बांध के निर्माण में तकरीबन 245 करोड़ 28 लाख रूपए का खर्चा आया था और इसके चारों तरफ इतना कंकरीट लगाया गया था कि जिससे दुनिया की सभी सड़को को दुबारा बनाया जा सकता है.

नांगल बांध 29 मीटर ऊंचा, 305 मीटर लंबा और 121 मीटर चौड़ा एक सहायक बांध है जो भाखड़ा बांध से दैनिक उतार-चढ़ाव लेने के लिए संतुलन जलाशय के रूप में कार्य करता है. नांगल का हाइडल चैनल (Hydel Channel) 64.4 किमी लंबा, 42.65 मीटर चौड़ा और 6.28 मीटर गहरा कैनाल है. रसाव से बचने के लिए इसकी पूरी लंबाई पर सीमेंट लगाया गया है.

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आखिर नांगल बांध को बनाने का क्या कारण था?

Nangal Dam
Source: www.tribuneindia.com
जैसा कि हम जानते हैं कि भाखड़ा बांध को नांगल बांध से ऊचाई पर बनाया गया है और इसका सारा पानी नांगल बांध से होते हुए जाता है. नांगल बांध, भाखड़ा बांध से आने वाले तेज़ बहाव को कम करता है. ऐसा इसलिए भी किया गया है क्योंकि अगर किसी कारणवश भाखड़ा बांध को कोई नुकसान पहुँचता है तो नांगल बांध पानी के भंडार को रोक सकता है और नुकसान होने से बचा सकता है.

आखिर गोविंद सागर झील की क्या भूमिका है?

Gobind sagar lake
Source: www.wearehimachali.in

भाखड़ा नांगल बांध जिस झील के पानी को रोकता है उसे गोविंद सागर झील कहते है. यह नाम सिक्खों के दसवें गुरू श्री गुरू गोविंद सिंह जी के नाम पर रखा गया है. यह झील 168.35 km² के क्षेत्र में फैली हुई है जिसमें तकरीबन 986.8 घनकिलोमीटर पानी होता है. इस झील को बनाने के लिए 341 गावों के लोगों को विस्थापित किया गया था. जैसा कि हम जानते हैं कि भाखड़ा नांगल बांध राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की एक संयुक्त परियोजना है. इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है. राजस्थान को इंदिरा गांधी नहर की मदद से भाखड़ा बांध का पानी पहुँचाया जाता है. हम आपको बतादें कि भाखड़ा बांध लोगों का ध्यान अपनी और खींचता है, पर्यटक भी इसे देखने और यहां घुमने आते थे. परन्तु वर्ष 2009 में सुरक्षा कारणों के चलते इस बांध पर आम लोगों के घुमने पर रोक लगा दी गई थी.

यदि भाखड़ा नांगल बांध किसी कारणवश टूट जाए तो क्या होगा?

देखा जाए तो सुरक्षा की द्रष्टि से इन दोनों बांधों का निर्माण इस तरह से किया गया है कि यह कभी टूट नहीं सकता. परन्तु किसी कारण से एक बांध टूट जाता है तो एक बांध नुक्सान से बचा सकता है. यानी अगर भाखड़ा बांध टूटता है तो नांगल बांध पानी को रोक सकता है. लेकिन अगर दोनों बांध टूटते हैं तो भयंकर तबाही मच सकती है. हरियाणा और पंजाब के निचले इलाकों में पानी भर सकता है और यदि पानी का बहाव तेज़ हुआ तो यह पंजाब, हरियाणा के आधे भाग सहित पाकिस्तान के एक बड़े भाग को भी बहा देगा और लाखों लोग मारे जाएंगे. इसके अतिरिक्त सालों तक प्रभावीत जमीन पर खेती नहीं की जा सकेगी जिससे भारी नुकसान होगा. इस बांध से लगभग 1325 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है इसलिए बिजली की जो किल्लत होगी उसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकेगा.

तो अब आप जान गए होंगे कि भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है, कहां पर ये बांध स्थित है और इसका क्या मुख्य उद्देश्य है. अगर यह बांध टूटता है तो भारत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है इत्यादि.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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