रडार क्या होता है?
रडार (RADAR) को Radio detection and ranging कहते है. यह यंत्र किसी भी एयरोप्लेन की लोकेशन, डायरेक्शन और बहुत सी जानकारी को ज्ञात करने के काम आता है. ये सिस्टम रेडियो waves को सेंड और रिसीव करता है.
हम आपको बता दें कि रडार का अविष्कार Teller and Liyo Ying ने सन 1922 में किया था.
रडार दरसल रेडियो waves के द्वारा लक्ष्य का पता लगाता है. रडार द्वारा रेडियो waves भेजी जाती है जो वस्तु से टकराकर वापस आती है. waves के जाने और वस्तु के टकराकर आने में जितना समय लगता है उसको calculate करके उस वस्तु के बारे में पता लगाया जाता है.
रडार से ही एयर ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाता है. जब रडार waves एयरोप्लेन से टकराकर वापस आती है तो इससे एयरोप्लेन की जानकारी मिल जाती है जिससे एयर ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सकता है. इससे टेररिस्ट अटैक, स्पेस में ऑब्जेक्ट्स की जानकारी हासिल की जा सकती है.
अब अध्ययन करते हैं कि रडार कैसे काम करता है?
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रडार में Antenna Diplexer, Transmitter, Phase-Lock Loop (PLL), Receiver और Processing लगा होता है. इसमें जो transmitter होता है उससे लगातार हर सेकंड रेडियो waves निकलती रहती हैं और यह electromagnetic radiation यानी छोटे-छोटे कंपन के रूप में होती हैं. इसलिए इनकी waves की स्पीड, लाइट के बराबर ही होती है. पूर्ण रूप से रडार को काम करने के लिए इसमें transmitter और receiver लगे होते हैं. जब transmitter electromagnetic रेडिएशन को छोड़ता है तो receiver इन waves को अपने सिस्टम में कैच कर लेता है, फिर मैप डिज़ाइन करता है जिससे ये रडार के डिस्प्ले पर दिखा देता है और रडार की मदद से यह पता चल जाता है कि कौन सा विमान किस गति से चल रहा है और धरती पर कितने समय में पहुंच जाएगा.
हवाई जहाज का ब्लैक बॉक्स क्या होता है और यह कैसे काम करता है?
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रडार की रेंज काफी अधिक होती है जिससे यह हज़ारो मील दूर से जहाज की location, direction और speed का पता कर लेता है. रडार तकनीक का उपयोग किसी बड़ी आपदा का पता लगाने के लिए, मौसम विभाग की जानकारी इत्यादि के लिए भी होता है.
इस सिस्टम में 300 MHz to 1 GHz के लिए विकसित कुछ विशेष रडार सेट हैं. लंबी दूरी पर उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए यह रडार के संचालन के लिए एक अच्छी आवृत्ति है.
एयर ट्रैफिक कंट्रोल रडार (ATC-Radar)
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एयर ट्रैफिक कंट्रोल रडार (ATC-Radar) वायु यातायात प्रबंधन (ATM) में नागरिक और सैन्य हवाई यातायात को सुरक्षित और निगरानी करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी रडार उपकरणों के लिए एक कॉमन शब्द है. वे आमतौर पर निश्चित रडार सिस्टम होते हैं जिनके पास उच्च स्तर की विशेषज्ञता होती है. वायु यातायात नियंत्रण रडार के सामान्य अनुप्रयोगों में शामिल हैं:
- en-route radar systems
- Air Surveillance Radar (ASR) सिस्टम,
- Precision Approach Radar (PAR) सिस्टम,
- Surface movement radars, और
- Special weather radars
एन-रूट राडार (En-Route Radar)
एन-रूट राडार विशेष एयरफील्ड क्षेत्रों के बाहर हवाई यातायात की निगरानी करते हैं. एन-रूट रडार सिस्टम आमतौर पर NATO D-Band में काम करते हैं. ये रडार सेट प्रारंभिक रूप से 250 nm तक अपेक्षाकृत बड़े क्षेत्र में हवा के लक्ष्यों की स्थिति, कोर्स और गति का पता लगाते हैं और निर्धारित करते हैं. एन-रूट रडार एक Primary Surveillance Radars (PSR) हैं जो एक Secondary Surveillance Radar (SSR) के साथ संयोजित किया जाता है.
हवाई जहाज में कौन से ईंधन का उपयोग किया जाता है?
Air Surveillance Radar (ASR)
ASR एक दृष्टिकोण नियंत्रण रडार है जो टर्मिनल क्षेत्र में एक विमान की स्थिति का पता लगाने और प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किया जाता है. ये रडार सेट आमतौर पर ई-बैंड में संचालित होते हैं और 25,000 फीट (7,620 मीटर) से नीचे की ऊंचाई पर और 40 से 60 समुद्री मील (75 से 110 किमी) के भीतर विमानों को विश्वसनीय रूप से पहचानने और ट्रैक करने में सक्षम हैं. 5 सेकंड तक आवश्यक डेटा नवीकरण दर सुनिश्चित करने के लिए ASR के एंटेना प्रति मिनट 12 से 15 बार तेजी से घूमते हैं. आधुनिक ASR में एक अतिरिक्त मौसम चैनल है और विमानन मौसम की स्थिति के लिए खतरनाक हो सकता है.
Precision Approach Radar (PAR)
ग्राउंड-नियंत्रित दृष्टिकोण एक नियंत्रण मोड है जिसमें एक विमान खराब मौसम की स्थिति में उतरने में सक्षम होता है. पायलट को PAR का उपयोग करके जमीन नियंत्रण द्वारा निर्देशित किया जाता है. मार्गदर्शन जानकारी रडार ऑपरेटर द्वारा प्राप्त की जाती है और या तो वायु रेडियो या विमान से कंप्यूटर लिंक द्वारा विमान में भेजी जाती है. ये रडार सेट आमतौर पर I-Band में काम करते हैं.
Surface Movement Radar (SMR)
SMR विमान और जमीन के वाहनों की स्थिति का पता लगाने के लिए हवाईअड्डा की सतह को स्कैन करता है और खराब मौसम में उन्हें हवाई यातायात नियंत्रकों के लिए प्रदर्शित करता है. भूतल आंदोलन रडार I- to K-Band में संचालित होते हैं और एक स्वीकार्य रेंज-रिज़ॉल्यूशन प्रदान करने के लिए बेहद छोटी चौड़ाई का उपयोग करते हैं. इसकी सीमा कुछ किलोमीटर तक सीमित है, एंटीना के रोटेशन की गति प्रति मिनट 60 है.
विशेष रूप से मौसम-रडार अनुप्रयोग (Specially weather-radar applications)
हवाई यातायात प्रबंधन के लिए मौसम रडार बहुत महत्वपूर्ण है. मौसम या रडार विशेष रूप से हवाई यातायात सुरक्षा के लिए डिजाइन किए गए हैं.
रडार से कैसे बचा या bypass किया जा सकता है?
रडार से बचने की तकनीक को stealth technology कहा जाता है. इससे बचने का मतलब यह है कि सिग्नल एयरक्राफ्ट से टकराकर वापस आजाए. इसके लिए एयरक्राफ्ट के डिजाईन पर निर्भर करता है जैसे कि यदि किसी एयरक्राफ्ट का डिजाईन शार्प कार्नर है और फ्लैट सरफेस नहीं है तो ऐसे में कोई सिग्नल वापस नहीं जा सकेगा. क्योंकि सिग्नल शार्प कार्नर से टकराकर बिखर जाएँगे और वापस नहीं जा पाएँगे. डिजाईन शार्प कार्नर का मतलब है आगे से नुकीला और डिज़ाइन में एक दम पतला हो क्योंकि रडार शार्प कार्नर को भेड़ नहीं सकती हैं और बिखर जाती है. अगर एयरक्राफ्ट धरती से कुछ ही ऊपर उढ़ रहा हो तो ऐसे में रडार की waves एयरक्राफ्ट का पता नहीं लगा सकेंगी क्योंकि रडार की waves पेड़ पौधे बिल्डिंग से टकराकर बिखर जाएंगी.
तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि एयरपोर्ट पर रडार सिग्नल कु लगाया जाता है, इसका क्या काम होता है, यह कैसे कार्य करता है इत्यादि.
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