भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां जनता लोकतंत्र को चलाने के लिए अपने नेता का खुद चुनाव करती है। वहीं, हर व्यक्ति को वोट करने का अधिकार है। हर चुनाव में एक ही परिवार के लोग अपने मत का प्रयोग करते हुए लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व यानि मतदान में मत का प्रयोग करते हैं। हालांकि, ऐसी स्थिति एक जगह देखने को नहीं मिलती है। भारत के नागालैंड में पूरा परिवार नहीं, बल्कि परिवार का एक ही व्यक्ति मतदान करता है। क्योंकि, यहां जीबी सिस्टम का पालन किया जाता है। अब क्या होता है जीबी सिस्टम और क्यों एक व्यक्ति ही करता है मतदान, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
क्या होता है जीबी सिस्टम
नागालैंड में जीबी सिस्टम का पालन किया जाता है। जीबी का मतलब राजा होता है। वहीं, एक राजा के चार सहायक और एक विलेज काउंसिल होती है। जीबी ही तय करता है कि गांव में किस परिवार से कौन सा व्यक्ति वोट डालेगा। हालांकि, उस व्यक्ति को ही पूरे परिवार का वोट डालने का अधिकार होता है। इससे पोलिंग बूथ पर अधिक भीड़ देखने को नहीं मिलती है और पूरे गांव की वोटिंग भी हो जाती है।
लंबे समय से चल रही है परंपरा
नागालैंड में जीबी सिस्टम की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। इसके तहत जीबी का उत्तराधिकारी ही अगला जीबी बनता है। वहीं, सहायक जीबी भी इस परंपरा को बनाए रखने में मदद करते हैं। गांव के जीबी विलेज काउंसिल की सलाह के बाद फैसले लेते हैं।
जीबी का होता है आखिरी आदेश
गांव में सभी फैसले जीबी के सहमति से लिये जाते हैं। इसके लिए कोई फैसला लेने के बाद उस पर जीबी की ओर से ही मुहर लगाई जाती है। यदि किसी फैसले में कोई परेशानी होती है, तो जीबी के साथ बैठक कर फैसले में बदलाव किया जाता है। गांव विकास के लिए कब, कहां और कितना पैसा खर्च करना है, यह काउंसिल तय करती है, लेकिन इस पर भी अंतिम मुहर जीबी की ही लगती है।
सिस्टम की नहीं है कानूनी मान्यता
नागालैंड में यह सिस्टम कई वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन इसकी कानूनी मान्यता नहीं है। इसे लेकर कई नेताओं में भी मतभेद देखने को मिलता है। इसके साथ ही कई चुनावों में शिकायतें भी सामने आती रहती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपके यह जानकारी पसंद आई होगी। अन्य विषय से जुड़ी जानकारी पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेंः UPSC: कौन थे भारत के पहले IAS अधिकारी, जानें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation