जानें प्रधानमंत्री के बॉडीगार्ड्स के ब्रीफ़केस में क्या होता है?

प्रधानमंत्री की सुरक्षा बहुत ही जिम्मेदार लोगों से बनी संस्था एसपीजी (विशेष सुरक्षा दल) 'स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप' के हाथों में होती है. लोकसभा के चुनावों के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि प्रधानमंत्री के साथ कुछ बॉडीगार्ड्स चलते हैं और उनके हाथ में सूटकेस भी होता है. क्या आप जानते हैं कि इस ब्रीफ़केस या सूटकेस में क्या होता है? आखिर क्यों ये बॉडीगार्ड्स ब्रीफ़केस लेकर चलते हैं. आइये जानते हैं.
What is in the briefcase of India's PM Bodyguards?
What is in the briefcase of India's PM Bodyguards?

भारत के प्रधानमंत्री कि सुरक्षा कि जिम्मेदारी एसपीजी (विशेष सुरक्षा दल) यानी 'स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप' के कमांडो करते हैं| यहीं आपको बता दें कि एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री सहित विदेश से आए विशेष मेहमानों को मिलती है| ये सभी कमांडो आधुनिक हथियारों से लेस होते हैं और कमाल के फुर्तिले भी होते हैं कुछ ही सेकंड में ये अपनी पोजीशन ले लेते हैं|

सन 1984 में एसपीजी का गठन तत्कालीन इंदिरा गांधी कि हत्या के बाद किया गया था. जब राजीव गाँधी कि हत्या हुई 1991 में तब एसपीजी को नए सिरे से तैयार किया गया था|

प्रधानमंत्री जहाँ से गुजरते हैं, उनके चप्पे-चप्पे पर एसपीजी के अचूक निशानेबाज तैनात होते हैं। एसपीजी के जवान FNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमैटिक गन और 17-एम नामक खतरनाक पिस्टल जैसे आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं| लेकिन क्या आप जानतें हैं कि अगर प्रधानमंत्री चाहे तो वे इस सुरक्षा को लेने से इंकार कर सकते हैं|

क्या अपने कभी ध्यान दिया है कि इन बॉडीगार्ड्स के हाथ में ब्रीफ़केस या सूटकेस भी होता है| आप चाहे तो इसकी झलक 26 जनवरी की परेड में देख सकते हैं| लोक सभा के चुनाव के दौरान भी आपको प्रधानमंत्री के साथ जो बॉडीगार्ड होते हैं उनके हाथ में भी ब्रीफ़केस दिख जाएगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस ब्रीफ़केस मे आखिर क्या रहता है?

PM SPG briefcase

Source: www. qph.ec.quoracdn.net.com

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यह सूटकेस वास्तव में बहुत पतला दिखता है और प्रधानमंत्री से कुछ फीट कि दूरी पर रहता है| असल मे यह एक पोर्टेबल बुलेट प्रूफ शील्ड या पोर्टेबल फ़ोल्डआउट बैलिस्टिक शील्ड होती है जिसे हमले के दौरान खोला जा सकता है जो कि एनआईजी लेवल-3 की सुरक्षा प्रदान करती है। जब भी सुरक्षा बलों को किसी भी खतरे या संदिग्ध गतिविधि का अंदेशा होता है, वे प्रधानमंत्री को सुरक्षित करने के लिए उस शील्ड को नीचे की ओर झटका देते हैं जिससे वह शील्ड खुल जाती है| देखा जाए तो यह एक तरह से ढाल का काम करती है जोकि अति विशिष्ट व्यक्तियों को तत्काल और अस्थायी सुरक्षा देती है।

Nuclear protective shield

Source: www.s3-ap-southeast-1.amazonaws.com

इस ब्रीफ़केस में एक गुप्त जेब भी होती है जिसमें पिस्तौल को रखा जाता है |

SPB Briefcase

क्या आप जानतें हैं कि भारतीय परमाणु हथियारों को कब और कैसे इस्तेमाल करना है, इसका निर्णय लेने का एकाधिकार भारत के प्रधानमंत्री को नहीं है। यह निर्णय लेने का अधिकार परमाणु कमान प्राधिकरण (Nuclear Command Authority) को है|

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एसपीजी के साथ एक काउंटर अटैक टीम (कैट) CAT (Counter Assault Team) भी होती है| इस टीम के पास “एफ. एन-2000”, पी-90, ग्लोक-17, ग्लोक-19 और “एफ. एन-5” जैसे हथियारों को इस्तेमाल करने की कला भी होती है| इस टीम को कठोर प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है और इसकी खासियत है कि प्रधानमंत्री पर किसी भी हमले के दौरान यह तेजी से कार्रवाई करती है।

Counter Assault team

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एसपीजी देश के विशिष्ट व्यक्तियों के अलावा राजनयिक यात्राओं पर आए दुनिया भर के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों को भी सुरक्षा प्रदान करती  है, आप उन्हें हर जगह हर कोने की जाँच और हर संभावित खतरे को नष्ट करते देख सकते हैं।

एसपीजी कैबिनेट सचिवालय के तहत आता है और इसके महानिदेशक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी होते हैं| एसपीजी के कमांडो का चुनाव “केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल” और “रेलवे सुरक्षा बल” के जवानों में से किया जाता है| लेकिन इसकी कमान आईपीएस या आरपीएफ के अधिकारियों के हाथों होती है। एसपीजी लगातार विशिष्ट व्यक्तियों को सर्वोच्च सुरक्षा प्रदान कर रहा है।

what is SPG

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