MFN दर्जा क्या है और भारत का पाकिस्तान से MFN दर्जा वापिस लेने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

Feb 15, 2019, 18:32 IST

पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापिस ले लिया है. क्या आप जानते हैं कि MFN क्या है, कौन देता है ये स्टेटस, किसको दिया जाता है और कब, मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा प्राप्त करने पर देशों को क्या फायदा होता है इत्यादि जैसे तथ्यों को जानने के लिए आइये इस लेख को अध्ययन करते हैं.

What is Most Favoured Nation (MFN) status?
What is Most Favoured Nation (MFN) status?

जैसा की हम जानते हैं कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा डिस्ट्रिक्ट में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ जिसमें 40 से भी ज्यादा जवान शहीद हो गए और कई जवान बुरी तरह जख्मी हुए जिनका इलाज कराया जा रहा है. इस हमले के बाद भारत सरकार ने पकिस्तान को दिया हुआ 'मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN)' का दर्जा वापिस ले लिया है. पाकिस्तान से लगभग 22 वर्षों के बाद इस दर्जे को खत्म करने का फैसला किया गया है. क्या आप जानते हैं कि मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) क्या होता है, यह दर्जा कौन देता है और किसको दिया जाता है साथ ही भारत का पाकिस्तान से यह दर्जा वापिस लेने पर क्या-क्या हो सकता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) दर्जा क्या होता है?

विश्व व्यापार संघठन (WTO) और अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड के नियमों के अनुसार व्यापार में सबसे ज्यादा तरजीह वाले देशों को MFN का दर्जा दिया जाता है. इस दर्जे के मिल जाने के बाद देश एक दूसरे के साथ व्यापार में कभी भी भेदभाव नहीं कर सकता है और साथ ही उन्हें व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचा सकता है. 1996 में भारत ने पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था. हर WTO सदस्य देशों को अपने सभी दूसरे सदस्यों को मोस्ट फेवर्ड ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर समान व्यवहार करना होता है. यानी एक देश दूसरे देश को बिना भेदभाव किए व्यापारिक सुविधाएं देता है. लेकिन पाकिस्तान ने भारत को कभी भी MFN का दर्जा नहीं दिया है. इसके बजाए उसने भारत से Non Discriminatory Market Access Agreement (NDMA) किया है.

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MFN प्राप्त दर्जे के क्या फायदे होते हैं?

देखा जाए तो विकासशील देशों के लिए इस दर्जे का एक अहम महत्व है क्योंकि ये देश वस्तुओं को बिना टैरिफ के निर्यात कर सकते हैं. इस दर्जे के तहत कानूनी मामलों में फसे बगैर कई प्रकार के व्यापारिक समझौते आराम से पूरे किए जा सकते हैं. यानी आयात और निर्यात में विशेष छूट मिलती है. MFN दर्जा मिलने पर आयात शुल्क पर कारोबार किया जा सकता है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकासशील देशों को यह दर्जा मिलने से एक बड़ा बजार मिल जाता है जिससे वे आसानी से अपने माल को या समान को विश्व बजार में आसानी से पहुंचा सकते हैं और व्यापार कर सकते हैं.

MFN का दर्जा कब वापिस लिया जा सकता है?

WTO का आर्टिकल 21 बी के तहत कोई भी देश MFN का दर्जा तब वापिस ले सकता है जब दोनों देशों के बीच सुरक्षा सबंधित मुद्दों पर विवाद हो. लेकिन WTO के अनुसार दर्जा वापिस लेने के लिए सारी शर्तों को पूरा करना होता है.

MFN दर्जे के वापिस लेने पर क्या होगा असर?

इससे भारत और पकिस्तान के बीच होने वाले व्यापार पर असर तो पड़ेगा ही साथ ही इसका असर दक्षिण एशिया के अन्य देशों पर भी हो सकता है. संभवत: दोनों देशों के आयात और निर्यात पर इसका असर पड़ेगा. क्या आप जानते हैं कि भारत पाकिस्तान को चाय, आयल, चीनी, कॉटन, टायर, रबड़ इत्यादि जैसी वस्तुओं का प्रमुख रूप से निर्यात करता है. पाकिस्तान वाघा सीमा भूमि मार्ग के माध्यम से भारत को केवल 137 उत्पादों का निर्यात करने की अनुमति देता है. दूसरी तरफ भारत, पाकिस्तान से फल, साइक्लिक हाइड्रोकार्बन, पेट्रोलियम गैस, सीमेंट, कॉपर वेस्ट इत्यादि उत्पादों का आयात करता है.
हम आपको बता दें कि 2017-18 में कुल भारत-पाकितान व्यापार मामूली रूप से बढ़कर 2.41 बिलियन डॉलर हुआ था, जबकि 2016-17 में यह 2.27 बिलियन डॉलर था. भारत ने 2017-18 में $ 488.5 मिलियन का सामान आयात किया और उस वित्त वर्ष में $ 1.92 बिलियन का माल निर्यात किया.

MFN संधि के तहत, एक डब्ल्यूटीओ सदस्य देश अन्य व्यापारिक राष्ट्र के साथ गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से व्यवहार करने के लिए बाध्य होते हैं, विशेष रूप से सीमा शुल्क और अन्य शुल्क के संबंध में. इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत के इस फैसले से पकिस्तान पर दबाव बनेगा और WTO के मेंबर्स के तौर पर जिस देश से MFN का दर्जा वापिस लिया जाता है उसकी इमेज और मार्किट वैल्यू पर भी असर पड़ता है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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