पिछले कुछ वर्षों में विश्व भर में सरकारें अपनी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के प्रयास कर रही हैं, ताकि वृद्धावस्था में सभी नागरिकों को वित्तीय सहायता मिल सके। सार्वभौमिक पेंशन योजना(Universal Pension Scheme) एक ऐसा ही प्रयास है, जिसका उद्देश्य रोजगार की स्थिति या पृष्ठभूमि से स्वतंत्र सभी वर्गों के लोगों के लिए एक एकीकृत और सार्वभौमिक पेंशन योजना लाना है।
पृष्ठभूमि और उद्देश्य
सार्वभौमिक पेंशन योजना एक अंशदायी एवं स्वैच्छिक पेंशन योजना है। यह 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है, जिससे यह असंगठित क्षेत्र, व्यापारियों और स्वरोजगार वाले लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिनकी आमतौर पर पारंपरिक पेंशन योजनाओं तक पहुंच नहीं होती है।
इस योजना का उद्देश्य सभी मौजूदा पेंशन योजनाओं को एक छतरी के नीचे एकीकृत करना है, जिससे यह प्रतिभागियों के लिए अधिक सुलभ और लाभकारी बन सके।
प्रमुख विशेषताऐं
-स्वैच्छिक योगदान: लोगों के पास अपनी सेवानिवृत्ति बचत में योगदान करने का विकल्प होता है, जिससे उन्हें अपने वित्तीय प्रबंधन में लचीलापन मिलता है।
-सभी के लिए उपलब्ध: यह योजना केवल औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए उपलब्ध है, जिनमें अनौपचारिक या असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
-मौजूदा योजनाओं का एकीकरण: प्रधानमंत्री-श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) और व्यापारियों एवं स्वरोजगारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस-ट्रेडर्स) जैसी योजनाओं को एकल प्रणाली में एकीकृत करने पर काम चल रहा है। इससे प्रक्रिया आसान होने तथा उपभोक्ताओं को बेहतर लाभ मिलने की उम्मीद है।
-लक्ष्य समूह: मुख्य लक्ष्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, व्यापारी और स्व-नियोजित व्यक्ति हैं, जिनकी आमतौर पर पारंपरिक पेंशन योजनाओं तक पहुंच नहीं होती है।
-पेंशन लाभ: पात्र सदस्य 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पेंशन लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें वृद्धावस्था में नियमित आय प्राप्त होगी।
लाभ और प्रभाव
यूनिवर्सल पेंशन योजना के अनेक लाभ हैं:
-वित्तीय सुरक्षा: यह लोगों को बुढ़ापे में सुरक्षा कवच प्रदान करता है तथा उन्हें आय का एक नियमित स्रोत प्रदान करता है।
- समावेशिता: सभी को शामिल करने से रोजगार के औपचारिक क्षेत्र से बाहर के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज में अंतर को पूरा किया जा सकता है।
-सरलीकृत प्रशासन: वर्तमान योजनाओं को समेकित करने से प्रशासनिक प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो जाती है, नौकरशाही संबंधी बाधाएं कम हो जाती हैं और व्यक्तियों के लिए अपने पेंशन अंशदान को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
वैश्विक संदर्भ
इसी प्रकार के कार्यक्रम अलग-अलग जगह चलाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए बांग्लादेश में एक सार्वभौमिक पेंशन योजना है, जिसमें 18 से 50 वर्ष की आयु के नागरिक 60 वर्ष की आयु तक अंशदान कर सकते हैं, तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक 10 वर्षों तक अंशदान कर सकते हैं। यह योजना कर में छूट प्रदान करती है तथा ग्राहकों को जमा राशि का 50% ऋण के रूप में निकालने की अनुमति देती है।
सार्वभौमिक पेंशन योजना समाज की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को अधिक व्यापक और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्वैच्छिक और किफायती पेंशन योजना के साथ सरकार यह सुनिश्चित कर सकती है कि सभी को अपना भविष्य वित्तीय रूप से सुरक्षित करने का अवसर मिले। जैसे-जैसे यह कार्यक्रम विकसित होता जाएगा, यह संभवतः लाखों व्यक्तियों के सेवानिवृत्ति वर्षों के दौरान उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा।
पढ़ेंः UPI से इस प्रकार निकलेगा PF का पैसा, यहां समझें पूरी प्रक्रिया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation