भारत में इस समय मानसून पूरे जोर पर है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में वर्षा रिकॉर्ड हो रही है और लोगों को गर्मी से राहत मिलने का क्रम जारी है। यह वर्षा एक तरफ किसानों के लिए लाभकारी है, तो दूसरी तरफ घूमने के शौकिन लोगों के लिए यह इस मौसम का जवाब नहीं है।
आपने भारत के अलग-अलग शहरों के बारे में सुना या पढ़ा होगा, जहां अधिकांश बारिश होती है, लेकिन क्या आप भारत के सबसे कम बारिश वाले शहर के बारे में जानते हैं ? यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में कितने प्रकार का मानसून
भारत में वर्षा यहां की जलवायु का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, जो कि कृषि और जल संसाधन के साथ-साथ यहां के पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने में मदद करती है। भारत में वर्षा के दो प्रमुख पैटर्न हैं-दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्वी मानसून है।
कुल वर्षा का लगभग 75 फीसदी भाग दक्षिण-पश्चिम मानसून से पूरा होता है, जिसकी अवधि जून से लेकर सितंबर तक होती है, वहीं उत्तर-पूर्वी मानसून अक्टूबर से लेकर दिसंबर के बीच आता है। यह भारत के पूर्वी हिस्सों में बारिश के लिए जिम्मेदार होता है, विशेषकर तमिलनाडू व इसके आसपास वाले राज्यों में अधिक बारिश होती है।
भारत में कितनी होती है औसतन बारिश
भारत में औसत वार्षिक वर्षा 115 इंच या 2900 मिमी है। हालांकि, भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में हमें वर्षा का अलग-अलग रिकॉर्ड देखने को मिलता है। पूर्वोत्तर में यह 160 इंच से अधिक दर्ज की जाती है, जबकि पश्चिमी हिमालय में यह 50 इंच से भी कम दर्ज की जाती है।
भारत में सबसे कम वर्षा वाला शहर
भारत में सबसे कम बारिश वाले शहर की बात करें, तो यह लेह है। यह शहर लद्दाख का सबसे बड़ा शहर है और भारत का सबसे उत्तरी शहर भी है।
शहर में कितना है वर्षा का रिकॉर्ड
भारत के लेह में वर्षा के रिकॉर्ड की बात करें, तो यहां औसतन वार्षिक वर्षा 9.20 सेंटीमीटर है। यहां पानी की बारिश से अधिक बर्फ की बारिश होती है। यही वजह है कि यह शहर सबसे कम बारिश वाला स्थान है। यहां का जीवन भी बहुत कठिन है, क्योंकि इतनी अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन समेत अन्य कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation