चीन और भारत एशिया में दो पड़ोसी देश हैं। भारत चीन के साथ 3488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। इसके अलावा चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की सीमा भारत से लगती थी। हम यह भी जानते हैं कि दोनों राज्यों के बीच सीमाओं को लेकर कुछ विवाद हैं।
जम्मू और कश्मीर के भारतीय प्रशासनिक क्षेत्रों को अक्साई चीन से एक रेखा द्वारा अलग किया जाता है, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नाम से जाना जाता है, जो भारत और चीन के बीच विवादित सीमा क्षेत्रों में से एक है।
भारत-चीन सीमा पर सीमा सुरक्षा बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आईटीबीपी ने सीमा चौकियां (बीओपी) स्थापित की हैं। इस सीमा पर आईटीबीपी द्वारा कुल 173 बीओपी स्थापित की गई हैं।
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कितने राज्यों से लगती है चीन की सीमा
अब सवाल है कि आखिर भारत के कौन-से राज्य चीन के साथ सीमा साझा करते हैं, तो आपको बता दें कि कुल 4 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश चीन के साथ अपनी सीमाएं साझा करते हैं।
कौन-से राज्य साझा करते हैं सीमा
अब हम यह जान लेते हैं कि भारत के कौन-से राज्य चीन के साथ अपनी सीमाएं साझा करते हैं। चीन के साथ जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश व अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश राज्य के रूप में अपनी सीमाएं साझा करते हैं।
किसके साथ लगती है सबसे अधिक सीमा
अब हम यह जान लेते हैं कि आखिर चीन के साथ कौन-सा भारतीय राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपनी सीमा साझा करता है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर चीन के साथ सबसे अधिक सीमा साझा करता है। यह 1597 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
चीन के साथ सबसे कम सीमा साझा करने वाला राज्य
चीन के साथ सबसे कम सीमा साझा करने वाले राज्य की बात करें, तो यह हिमाचल प्रदेश है, जो कि केवल 200 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
सीमाओं की लंबाई इस प्रकार है:
राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश | कुल लंबाई (किमी में) |
जम्मू और कश्मीर(केंद्र शासित प्रदेश) | 1597 |
अरुणाचल प्रदेश | 1126 |
उत्तराखंड | 345 |
सिक्किम | 220 |
हिमाचल प्रदेश | 200 |
कुल | 3488 |
आपको बता दें कि सीमा का पूरी तरह से सीमांकन नहीं हुआ है और वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्पष्ट करने और पुष्टि करने की प्रक्रिया जारी है। इस क्षेत्र में घनी आबादी और ऊंचाई वाले इलाके हैं, जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे पर प्रभाव पड़ा है।
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