दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा कौन-सी है, यहां देखें जवाब

दुनियाभर में अलग-अलग भाषाओं का चलन है। हर देश की अपनी एक भाषा है वहीं, देश में भी भाषाओं का अंतर प्रांतीय स्तर पर देखने को मिलता है। उदाहरण के तौर पर भारत में ही अलग-अलग भाषाओं का चलन है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Jun 20, 2025, 18:36 IST
दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा
दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा

भाषा संचार का वह माध्यम है, जिससे न सिर्फ संदेश को पहुंचाया जा सकता है, बल्कि यह समाज को जोड़ने, संस्कृति को आगे बढ़ाने और प्राचीन इतिहास की परतें खोलने में भी मदद करती है।

इस बात की बानगी हमें दुनियाभर की प्राचीन गुफाओं में देखन को मिलती है। आपने दुनियाभर में बोले जाने वाली अलग-अलग भाषाओं के बारे में सुना और पढ़ा होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

क्या है भाषा का महत्त्व

सबसे पहले हम भाषा का महत्त्व समझ लेते हैं, तो आपको बता दें कि यह व्यक्ति को संपर्क बनाने और ज्ञान बढ़ाने के साथ-साथ विचारों को आकार देने में भी मदद करती है। वहीं, इतिहास में अनगिनत भाषाएं विकसित हुई हैं। हालांकि, इनमें से सभी भाषाएं चलन नहीं है, बल्कि कुछ ही शेष बची हैं, जबकि कुछ भाषाएं समय के साथ लुप्त हो गईं।

खास बात यह है कि इनमें से कुछ प्राचीन भाषाएं आज भी इतिहासकारों और भाषाविदों को आकर्षित करती हैं। भाषा की उत्पत्ति भाषाविज्ञान और मानवविज्ञान में सबसे जटिल और विवादित विषयों में से एक है। विद्वानों का मानना है कि मौखिक भाषा का उद्भव 50,000 से 150,000 वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा कौन-सी है। 

दुनिया की सबसे पुरानी भाषा

कई लोगों का मानना है कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है, जो अभी भी प्रयोग में है। द्रविड़ भाषा परिवार के एक सदस्य के रूप में इसका इतिहास 2,000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। हालांकि, कई शिक्षाविदों का मानना है कि भाषाई और पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि यह 2,500-3,000 वर्ष पुरानी हो सकती है।

इन देशों में भी बोली जाती है यह भाषा

तमिल प्राचीन भाषा है तथा भारत, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर और विश्व भर में तमिल प्रवासियों के कई अन्य क्षेत्रों में 75 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है, जबकि इसके विपरीत प्राचीन भाषाएं या तो विलुप्त हो चुकी हैं या केवल धार्मिक ग्रंथों में ही प्रयुक्त होती हैं।

तमिल-ब्राह्मी शिलालेख, जो लगभग 500 ईसा पूर्व के हैं और तमिलनाडु के पुरातात्विक स्थलों में पाए गए हैं, उनमें तमिल के सबसे पुराने लिखित अभिलेख हैं। 300 ई.पू. के बीच संकलित संगम साहित्य में समृद्ध और जटिल संस्कृति के विषय शामिल हैं।

लिखित तमिल का सबसे पुराना अभिलेख तमिल-ब्राह्मी शिलालेखों में मिलता है, जो लगभग 500 ईसा पूर्व के हैं और तमिलनाडु के पुरातात्विक स्थलों में पाए गए हैं। 300 ईसा पूर्व और 300 ईसवी के बीच संकलित संगम साहित्य, प्रेम, युद्ध, नैतिकता और शासन के विषयों के साथ एक समृद्ध और जटिल संस्कृति को प्रदर्शित करता है। यह साहित्य किसी भी भाषा में धर्मनिरपेक्ष कविता के सबसे पुराने साहित्यों में से एक माना जाता है।

संस्कृत, लैटिन या प्राचीन ग्रीक जैसी भाषाओं के विपरीत, जो "शास्त्रीय" या औपचारिक भाषा बन गईं, तमिल एक बोली जाने वाली और साहित्यिक भाषा के रूप में विकसित और विकसित होती रही। इसका विकास बिना किसी बड़े व्यवधान के जारी रहा है, जिससे यह उन कुछ प्राचीन भाषाओं में से एक बन गयी है, जो लगातार जीवित रही हैं।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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