स्वेज नहर (Suez Canal) दुनिया के सबसे महत्त्वपूर्ण और व्यस्ततम जलमार्गों में से एक है। इसकी लोकेशन की बात करें, तो यह मिस्र में स्थित है, जो कि यूरोप और एशिया के बीच व्यापारिक मार्ग को शॉर्टकट प्रदान करती है। इस नहर की वजह से पानी के जहाजों को अफ्रीका के दक्षिणी सिरे, केप ऑफ गुड होप, का चक्कर नहीं लगाना पड़ता।
इसे नहर से प्रतिदिन कई जहाजों का आवागमन होता है, जिससे यह नहर दुनिया की सबसे महत्त्वपूर्ण नहरों में से एक है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यह नहर किन दो सागरों को जोड़ती है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
स्वेज नहर का इतिहास
सबसे पहले हम स्वेज नहर का इतिहास जान लेते हैं। आपको बता दें कि स्वेज नहर का निर्माण कार्य 1859 में शुरू था और 10 साल में पूरा हुआ। इस नहर का निर्माण कार्य एक फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डिनेंड डी लेसेप्स की देखरेख में किया गया था। वहीं, इस नहर का उद्घाटन 17 नवंबर, 1869 में हुआ था। इस नहर ने यूरोप और एशिया के बीच की दूरी को कम करने का काम किया था।
नहर का राजनीतिक महत्त्व
स्वेज नहर पर स्वामित्व को लेकर काफी वर्षों तक खींचतान चली थी। शुरुआत में नहर पर फ्रांस और ब्रिटेन का अधिकार था। हालांकि, बाद में इस नहर का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
स्वेज नहर की व्यापार में भूमिका
स्वेज नहर से वैश्विक स्तर पर तेल और गैस का परिवहन होता है। यहां से पश्चिमी एशिया के पेट्रोलियम उत्पादों को यूरोप और अमेरिका तक पुहंचाया जाता है। सिर्फ इस नहर से पूरे समुद्र का 10 फीसदी व्यापार होता है। वहीं, इस नहर की वजह से यूरोप और एशिया के बीच 7000 किलोमीटर की दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होती है।
किन दो सागरों को जोड़ती है स्वेज नहर
स्वेज नहर मिस्र के स्वेज प्रांत में स्थित है और यह भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। इस नहर की कुल लंबाई की बात करें, तो यह कुल 193 किलोमीटर लंबी है। नहर की भौगोलिक स्थिति से यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच व्यापार का मार्ग आसान हो जाता है, जो वैश्विक व्यापारिक मार्गों का केंद्र है।
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