ब्रह्मांड में लगभग 100 अरब या उससे भी ज्यादा मंदकिनी (Galaxy) हैं और आकाशगंगा या मिल्की वे या क्षीरमार्ग या मन्दाकिनी हमारी गैलेक्सी को कहते हैं, जिसमें पृथ्वी और हमारा सौर मण्डल स्थित है। सूर्य और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। हमारे सौर मंडल में ग्रहों की संख्या 8 है। हमारे सौर मंडल में सूर्य के बाद बृहस्पति ही एक मात्र ग्रह है जिसका गुरुत्वाकर्षण सभी ग्रहों के मुकाबले सबसे ज्यादा है।
किसी भी वास्तु की प्रक्षेपण गुरुत्वाकर्षण बल तीन चीजों पर निर्भर करता है; घनत्व, द्रव्यमान, और आकार। अरुण ग्रह (1.27) और शनि (0.6 9) के बाद तीसरा सबसे कम घनत्व वाला ग्रह होने के बावजूद, बृहस्पति द्रव्यमान और आकार दोनों के आधार पर हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
बृहस्पति ग्रह का द्रव्यमान 1.898 x 10^27 किलोग्राम (4.184x10^27 पाउंड) है और खगोल विज्ञान में इसके अपने द्रव्यमान के कारण बृहस्पति द्रव्यमान या जोवियन मास कहा जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में देखे तो यह हमारे सौर मंडल के संयुक्त ग्रहों की तुलना में बृहस्पति ग्रह लगभग 2.5 गुना अधिक विशाल है।
बृहस्पति ग्रह का व्यास 86,881.4 मील (13 9, 822 किलोमीटर) है और दुसरे ग्रहों से अगर तुलना की जाए इसके बाद शनि गृह का स्थान आता है जिसका व्यास 72,367.4 मील (116,464 किमी) और वही पृथ्वी का व्यास 7,917.5 मील (12,742 किमी) है। तो हम बृहस्पति ग्रह की विशालता का अंदाज़ा लगा सकते है और ये भी कह सकते हैं की शनि और सूर्य के अपवादों के साथ हमारे सौर मंडल के सारे ग्रहों को समाहित कर सकता है।
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गुरुत्वाकर्षण पर बृहस्पति गृह और सौर मंडल के अन्य ग्रहों पर तुलनात्मक अध्यन
खगोल विज्ञान में पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण को मानक के रूप में अन्य खगोलीय पिंडों की गुरुत्वाकर्षण बल की गणना के लिए किया जाता है। हमारे ग्रह की गुरुत्वाकर्षण 9.807 मीटर प्रति सेकंड वर्ग (32.18 फीट प्रति सेकेंड वर्ग के बराबर) है। दुसरे शब्दों में बोला जाए तो- यदि कोई भी वस्तु जमीन से ऊपर कुछ गिरता है तो उसकी रफ़्तार 9.8 वर्ग मीटर प्रति सेकंड होती है और साथ ही साथ प्रत्येक सेकंड में उसकी रफ़्तार 9.8 वर्ग मीटर प्रति सेकंड ही रहेगी।
यह जानकारी हमे बृहस्पति ग्रह की गुरुत्वाकर्षण की बेहतर समझ देता है, जो 24.7 9 मीटर / वर्ग मीटर (81.33 फीट / वर्ग मीटर) है। हालांकि, यह याद रखना आश्यक है की बृहस्पति ग्रह गैस का विशाल खगोल पिंड है जिसका वास्तविक सतह नहीं है। इसलिए, बृहस्पति ग्रह और अन्य गैस के सतह वाले ग्रहों का गुरुत्वाकर्षण बल उनके बादलों के शीर्ष द्वारा परिभाषित किया जाता है।
बृहस्पति ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के सामने हमारे सौर मंडल के गैसियें खगोल पिंडों की तुलना की ही नहीं जा सकती है। उदहारण के लिए- वरूण ग्रह (Neptune) पर गुरुत्वाकर्षण बल 11.15 मीटर / वर्ग मीटर (36.58 फीट / वर्ग मीटर) है जिसका दूसरा स्थान है उसके बाद शनि ग्रह का 10.44 मीटर / वर्ग मीटर (34.25 फीट / वर्ग मीटर) और अरुण ग्रह (Uranus) का 8.69 मीटर / वर्ग मीटर (29.4 फीट / वर्ग मीटर) है। पार्थिव या आतंरिक ग्रह (Terrestrial Planets or Inner Planet) की तुलना में भी बृहस्पति ग्रह का गुरुत्वाकर्षण सबसे अधिक है।
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