भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक अलग-अलग नदियों का प्रवाह होता है। इन नदियों में कुछ प्रमुख नदियों में गंगा नदी नाम शीर्ष पर आता है। गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदी है। हालांकि, भारत में एक नदी ऐसी भी है, जिसे वागड़ की गंगा कहा जाता है। कौन-सी है यह नदी और क्या हैं इसके पीछे के कारण, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
किस नदी को कहा जाता है वागड़ की गंगा
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि वागड़ की गंगा किस नदी को कहा जाता है, तो आपको बता दें कि राजस्थान में माही नदी को वागड़ की गंगा कहा जाता है।
क्या है वागड़
वागड़ में राजस्थान में मौजूद एक जगह का नाम है। यहां से माही नदी का प्रवाह होता है।
क्यों कहा जाता है वागड़ की गंगा
माही नदी को वागड़ की गंगा कहे जाने के कई कारण हैं। इसमें प्रमुख रूप से सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कारण जुड़े हुए हैंः
वागड़ क्षेत्र की जीवन रेखा: माही नदी राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित वागड़ क्षेत्र (मुख्य रूप से डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिले) की मुख्य नदी है। ऐसे में यह शुष्क और पहाड़ी क्षेत्र के लिए पानी का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। ऐसे में जिस प्रकार गंगा नदी उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के लिए जीवनदायनी है, ठीक वैसे ही माही नदी वागड़ क्षेत्र के लिए महत्त्वपूर्ण है।
कृषि और सिंचाई का आधार: माही नदी और इस पर बने बांध माही बजाज सागर बांध वागड़ क्षेत्र में सिंचाई के प्रमुख स्रोत हैं। इस नदी से हजारों हेक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनने में मदद मिलती है। साथ ही, कृषि गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलती हैं।
आर्थिक महत्त्व: कृषि के अलावा माही नदी मछली पालन और अन्य जल-आधारित व्यवसायों के लिए जानी जाती है।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व: जिस प्रकार गंगा नदी से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, ठीक वैसे ही माही नदी का भी वागड़ के लोगों के लिए धार्मिक महत्व है। माही नदी के किनारे कई मंदिर स्थित हैं, जो लोगों की आस्था के केंद्र हैं।
आदिवासी संस्कृति से जुड़ाव: वागड़ क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के लोग अधिक रहते हैं। ऐसे में इस नदी का आदिवासियों के लिए सांस्कृतिक महत्त्व भी है।
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