दुनिया के हर देश में नदी की अपनी अहमियत है, क्योंकि यह पीने के पानी से लेकर कृषि समेत अन्य कार्यों में उपयोग की जाती है। हालांकि, भारत में नदियों का महत्व और भी बढ़ जाता है। क्योंकि, यहां नदियों को मां का दर्जा दिया गया है।
यही वजह है कि भारत के अलग-अलग घाटों पर आपको सुबह-शाम नदियों की आरती होते हुए दिख जाएगी। आपने अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की किस नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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बंगाल में कितनी नदियों का प्रवाह होता है
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि बंगाल में आखिर कितनी नदियों का प्रवाह होता है, तो आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में कुल 7 नदियों का प्रवाह होता है और यह नदियां हुगली, तीस्ता, दामोदर, अजय, मयूराक्षी, सुवर्ण रेखा और रूप नारायण नदी है।
किस नदी को कहा जाता है बंगाल का शोक
अब सवाल है कि आखिर किस नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है, तो आपको बता दें कि इन कुल सात नदियों में से दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है।
क्यों कहा जाता है बंगाल का शोक
हमने ऊपर यह जान लिया है कि दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है। हालांकि, अब सवाल है कि आखिर दामोदर नदी को ही बंगाल का शोक क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि दामोदर नदी कई बार बंगाल में बाढ़ का कारण बनती है। ऐसे में इससे बर्धमान, हुगली, हावड़ा और मेदिनीपुर जिलों में विनाशकारी बाढ़ आ जाती है, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। यही वजह है कि दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहा जाता है।
नदी का परिचय
दामोदर नदी भारत की प्रमुख नदियों से एक है, जो कि छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलती है और भ्रंश घाटियों से होते हुए झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य में बहती है। यह नदी भारत में खनिज संसाधन के लिए सबसे समृद्ध मानी जाती है । नदी की प्रमुख सहायक नदियों की बात करें, तो इसकी प्रमुख सहायक नदी बराकर, कोनार और बोकारो है। यह नदी अंत में हुगली नदी में जाकर मिल जाती है, जो कि कोलकाता से करीब 48 किलोमीटर नीचे है।
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