भारत यानि विविधताओं का देश, जहां के कण-कण में समृद्ध इतिहास की विरासत बसी हुई है। यहां हर गली-मोहल्ले के अपने जायके और शहरों की संस्कृति और अनूठी परंपराएं भारत के इतिहास को समृद्ध बनाने का काम करती है। भारत के हर शहर की अपनी कहानी है और इन कहानियों में जुड़े हैं कई किस्से, जो कि इस कहानी को विस्तार देने का काम करते हैं।
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समय के साथ-साथ शहरों में कई बदलाव हुआ, लेकिन एक चीज जो नहीं, बदली वह है शहरों का नाम। आज भी कई शहरों का नाम पुराने समय से ही वही बना हुआ है। इस कड़ी में कुछ शहरों को रंगों से भी पहचान मिली हुई है।
क्या आप जानते हैं कि भारत में किस शहर को सफेद नगरी(White City) के रूप में जानते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम भारत की सफेद नगरी के रूप में जानते हैं।
किस शहर को कहा जाता है ‘White City’
भारत में आपने कई शहरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। कुछ शहरों को रंगों से पहचान मिली है, जैसे लाल नगरी, नीली नगरी, गुलाबी नगरी और काली नगरी। हालांकि, इन रंगों के अलावा एक शहर ऐसा भी है, जिसे हम सफेद नगरी के रूप में जानते हैं। आपको बता दें कि राजस्थान राज्य का उदयपुर शहर सफेद नगरी के रूप में जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है सफेद नगरी
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर उदयपुर शहर को ही सफेद नगरी क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि उदयपुर शहर अपने यहां की खूबसूरत झीलों और राजमहलों के लिए भी जाना जाता है।
इस शहर में संगमरमर से बनी हुई कई इमारतें हैं, जो कि ऊंचाई से देखने पर एक सफेद नगरी के रूप में नजर आती हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को यहां की खूबसूरती एकाएक आकर्षित करती है, जिससे यहां पर हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। वहीं, भारत का प्रसिद्ध सिटी पैलेस भी यहां पर मौजूद है, जिसे हम उदयपुर सिटी पैलेस के नाम से जानते हैं।
महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह ने की थी स्थापना
मेवाड़ की राजधानी उदयपुर शहर की स्थापना महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदयसिंह ने 1559 में की थी। उस समय वह चित्तोड़गढ़ किले में रहकर यहां का शासन चलाया करते थे। हालांकि, मुगलों द्वारा बार-बार चित्तोड़गढ़ किले पर आक्रमण होने और अपने पोते अमर सिंह के जन्म के बाद उन्होंने दूसरी जगह नगर बसवाने की सोची।
इसके बाद उन्होंने उदयपुर शहर को बसाया। आज भी उदयपुर सिटी पैलेस में महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अपने परिवार के साथ रहते हैं। महल के एक हिस्से में वह निवास करते हैं, जबकि महल के अन्य हिस्सों को पर्यटकों के लिए खोला गया है।
इस महल में शादियों का भी आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही यहां पर पहुंचने पर आपको महाराणा प्रताप के अस्त्र-शस्त्र देखने को मिलेंगे।
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