जानें ओले कैसे बनते हैं और क्यों गिरते हैं?

Jun 1, 2018, 14:23 IST

अकसर आपने देखा होगा कि कभी-कभी बारिश के साथ बर्फ के छोटे टुकड़े यानी ओले गिरने लगते हैं. ऐसा क्यों होता है, ओले आसमान में कैसे बनते हैं आदि के बारे में इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

Why does hail fall from the sky?
Why does hail fall from the sky?

आपने देखा होगा बारिश की बूंदों के साथ-साथ कई बार अचानक से ओले या फिर बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े गिरने लगते हैं. इन्हें हेल स्टोर्म (Hail Storm) भी कहते हैं.

परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि ओले कैसे बनते हैं, इनका आकार गोल क्यों होता है, अचानक से ये धरती पर क्यों गिरने लगते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

ओले कैसे बनते हैं?

ये हम सब जानते हैं कि बर्फ पानी की ही एक अवस्था है जो कि पानी के जमने से बनती है. जब भी पानी का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या इससे कम हो जाता है तो वह बर्फ बन जाता है.

समुद्र तल की अपेक्षा जैसे-जैसे हम उंचाई की और बढ़ते है, तो तापमान धीरे -धीरे कम होता जाता है. इसलिए ही तो पहाड़ों पर ठंडक रहती है या तापमान कम होता है. लेकिन लद्दाख में तो इतनी ठंड पड़ती है कि वहां हमेशा पानी बर्फ के रूप में होता है, क्योंकि यह काफी ऊचाई पर स्थित है.

वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया के बारे में तो आप जानते ही होंगें. इस प्रक्रिया के कारण नदियों, तालाबों, समूद्रों आदि का पानी भाप बनकर आसमान में वर्षा का बादल बनाता है और यही बादल पानी बरसाते हैं.

परन्तु जब आसमान में तापमान शून्य से कई डिग्री कम हो जाता है तो वहां मौजूद हवा में नमी सेंघनित यानी पानी की छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जम जाता है.

इन जमी हुई बूंदों पर पानी और जमता जाता है और धीरे-धीरे ये बर्फ के टुकड़े या बर्फ के गोलों का रूप धारण कर लेता हैं. इन्हीं को ही तो ओले कहते हैं.

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आइये अब अध्ययन करते हैं कि ओले क्यों गिरते हैं?
जब ये गोले ज्यादा वजनी हो जाते हैं या इन टुकड़ों का वजन काफी अधिक हो जाता है तो आसमान से धरती पर गिरने लगते हैं. जब ये ओले गिर रहे होते हैं तो उस समय गर्म हवा से टकरा कर बूंदों में बदल जाते हैं और ये पिघलने लगते हैं और पानी की बूंदों में बदल जाते हैं जो कि बारिश के रूप में नीचे  गिरते हैं. लेकिन जो बर्फ के टुकड़े अधिक मोटे होते हैं वो पिघल नहीं पाते हैं और नीचे धरती पर छोटे-छोटे गोल टुकड़ों के रूप में गिर जाते हैं.इन्हीं बर्फ के टुकड़ों को ओले ही तो कहते हैं.

आपने ध्यान दिया होगा कि जब ओले गिरते हैं तो बादलों में गड़गड़ाहट और बिजली चमकती है. जब ऐसा होता है तो समझ जाइये की बादलों का कुछ भाग हिमांक से उपरे है और कुछ हिमांक के नीचे है.

क्या आप जानते हैं कि बादलों में गड़गड़ाहट क्यों होती है? बादलों में गड़गड़ाहट तब होती है जब दिन गर्म हों और वायु में काफी नमी हो और ये हम जानते हैं कि गर्म हवा, नम हवा यानी ठंडी हवा से ऊपर उठती है. जैसे-जैसे ये ऊपर उठती है यह ठंडी होती जाती है और जल कणों के रूप में संघनित होती जाती हैं और बर्फ के गोलों का आकार ले लेती है.

अब आप समझ गए होंगे कि ओले आसमान में तापमान शून्य के कम होने के कारण वहां मौजूद हवा में नमी छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जम जाती है और  इन बूंदों पर पानी जमता ही रहता है फिर धीरे -धीरे बर्फ के गोले बन जाते हैं. जब ये गोले वजनी हो जाते हैं तो आसमान से नीचे गिरने लगते हैं.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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